जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश में बीते 6 दिनों से मौसम लगातार करवट बदल रहा है। एक सक्रिय साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती परिसंचरण) के चलते प्रदेश के आधे हिस्से में तेज बारिश, ओलावृष्टि और आंधी का दौर जारी है। शुक्रवार सुबह ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के भिंड में तेज हवाओं और झमाझम बारिश ने लोगों को चौंका दिया। सुबह 6:30 बजे शुरू हुई इस बारिश के बाद शहर की बिजली व्यवस्था चरमरा गई। बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली। वहीं मुरैना और ग्वालियर में भी हल्की से मध्यम बारिश हुई।
इससे पहले गुरुवार को डिंडौरी में ओले गिरने की घटनाएं सामने आईं थीं। राज्य के करीब 25 से अधिक जिलों में आसमान में बादल छाए रहे और कई जगह हल्की से तेज बारिश भी हुई। मौसम विभाग ने शुक्रवार को चेतावनी दी है कि छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में ओलावृष्टि हो सकती है। वरिष्ठ मौसम के अनुसार, कटनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, जबलपुर और नरसिंहपुर में हवाएं 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
राज्य के अन्य जिलों जैसे भोपाल, ग्वालियर, मंदसौर, नीमच, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, दमोह, सागर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, रायसेन, हरदा, नर्मदापुरम और बैतूल में भी गरज-चमक और हल्की बारिश के आसार जताए गए हैं। मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि 5 मई तक यह अस्थिर मौसम बना रह सकता है, खासकर शाम के समय गरज-चमक के साथ बारिश और तेज हवाओं की संभावना बनी हुई है।
वहीं दूसरी ओर, तापमान में भी बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। मई के पहले ही दिन उज्जैन, शाजापुर, रतलाम, गुना और नरसिंहपुर में पारा 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। शाजापुर प्रदेश का सबसे गर्म जिला रहा, जहां तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। रतलाम (43.6), उज्जैन (43.4), गुना और नरसिंहपुर (43.2) भी भीषण गर्मी की चपेट में रहे। इसके अलावा धार, खरगोन, खंडवा, शिवपुरी, रायसेन, टीकमगढ़, सागर, दमोह, बैतूल, खजुराहो और नर्मदापुरम में भी तापमान 41 डिग्री या उससे अधिक रहा।
बड़े शहरों में भी गर्मी और बारिश का मिला-जुला असर देखा गया। राजधानी भोपाल में अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री रहा, जबकि इंदौर में 42, जबलपुर में 40.2 और ग्वालियर में 39.6 डिग्री दर्ज किया गया। इस तरह एक ओर जहां प्रदेश के कई हिस्सों में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़े, वहीं दूसरी ओर बारिश और ओलावृष्टि ने लोगों को अचानक ठंडी राहत भी दी, पर जनजीवन पर इसका मिला-जुला असर देखने को मिला।
मौसम के इस बदलाव ने किसानों को भी चिंता में डाल दिया है, क्योंकि ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। अब नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में प्रदेश का मौसम कौन-सा नया रंग दिखाएगा।