जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े सितारों में शुमार विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया है। उन्होंने इस फैसले की जानकारी BCCI को दे दी है, हालांकि बोर्ड ने उन्हें अभी कोई औपचारिक ऐलान न करने और अपने फैसले पर फिर से सोचने को कहा है। यह फैसला उस समय आया है जब ठीक एक दिन पहले ही रोहित शर्मा ने सोशल मीडिया के जरिए अपने टेस्ट संन्यास का एलान किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कोहली अपने फैसले को लेकर गंभीर हैं और उन्होंने इंग्लैंड के आगामी दौरे में भी हिस्सा नहीं लेने का संकेत दे दिया है। BCCI के आग्रह के बावजूद कोहली की ओर से अभी कोई जवाब नहीं आया है। अगर कोहली का यह फैसला अंतिम होता है, तो यह भारतीय टेस्ट इतिहास के सबसे चौंकाने वाले क्षणों में से एक होगा।
हाल ही में खत्म हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में विराट कोहली का प्रदर्शन फीका रहा। उन्होंने 9 पारियों में सिर्फ 190 रन बनाए, जिसमें एक नाबाद शतक शामिल था और उनका औसत महज़ 23.75 रहा। खास बात यह रही कि वह 8 में से 7 बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर आउट हुए — जो उनकी तकनीकी कमजोरी को उजागर करता है।
हालांकि, IPL 2025 में कोहली शानदार फॉर्म में नजर आए और 11 मैचों में अब तक 505 रन बना चुके हैं, लेकिन उनका टेस्ट करियर बीते कुछ वर्षों में ढलान पर रहा है। पिछले 5 वर्षों में कोहली ने 37 टेस्ट खेले हैं, जिसमें सिर्फ 3 शतक ही लगा पाए और उनका औसत 35 से भी नीचे चला गया।
36 वर्षीय कोहली अब तक 123 टेस्ट में 9,230 रन बना चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक जड़े। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने सबसे ज़्यादा 9 शतक लगाए हैं, जबकि भारत में सबसे ज़्यादा 14 शतक उनके नाम हैं। कोहली ने न्यूजीलैंड में सिर्फ एक शतक जड़ा है।
जहां तक कप्तानी का सवाल है, विराट कोहली ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट को एक नया आक्रामक तेवर दिया। वे भले ही ICC ट्रॉफी नहीं जीत सके, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी कप्तानी ने भारत को घरेलू मैदान पर 11 में से सभी टेस्ट सीरीज जिताईं। 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपनी पहली घरेलू टेस्ट सीरीज जीतने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
इतना ही नहीं, बतौर कप्तान कोहली ने रिकॉर्ड 7 दोहरे शतक भी जड़े — जो किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा सर्वाधिक हैं। उन्होंने 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन कर 2014 के अपने खराब दौरे की भरपाई की और ICC द्वारा 2020 में उन्हें “दशक का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर” घोषित किया गया।
आज अगर कोहली टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहते हैं, तो यह केवल एक खिलाड़ी का संन्यास नहीं होगा, बल्कि भारतीय क्रिकेट के एक गौरवशाली युग का अंत होगा। करोड़ों फैंस, साथी खिलाड़ी और BCCI सभी यही उम्मीद कर रहे हैं कि विराट दोबारा सोचें — क्योंकि क्रिकेट को अभी भी उनके जैसे टेस्ट योद्धा की ज़रूरत है।