जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
आष्टा शहर में बुधवार रात उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष कालू भट्ट और एसडीएम स्वाति उपाध्याय मिश्रा के बीच अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान विवाद हो गया। इस पूरे घटनाक्रम का 29 सेकेंड का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कालू भट्ट एसडीएम के साथ बेहद अभद्र और धमकी भरे अंदाज़ में बात करते दिखाई दे रहा है।
यह विवाद उस वक्त हुआ जब रात लगभग 9 बजे एसडीएम स्वाति मिश्रा शहर के बुधवारा क्षेत्र में चल रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान की निगरानी कर रही थीं। प्रशासन ने इस दौरान अस्पताल के पीछे, बस स्टैंड, बुधवारा रोड और राम मंदिर क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी। इस अभियान में 15 गुमटियां और करीब 110 टिनशेड हटाए गए।
इसी बीच हिंदू नेता कालू भट्ट मौके पर पहुंचे और अपनी बात चिल्लाकर कहने लगे। एसडीएम ने पहले तो उनकी बातों को अनसुना किया, लेकिन जब कालू भट्ट लगातार ऊँचे स्वर में बात करते हुए हाथ से इशारा करने लगे और रौब जमाने लगे, तो एसडीएम ने सख्त रवैया अपनाया। वीडियो में यह स्पष्ट दिखाई देता है कि नेता बार-बार एसडीएम पर चिल्ला-चिल्ला कर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं, और कहते हैं, “आप चिल्ला कर बात नहीं करोगी…”।
एसडीएम स्वाति मिश्रा जब वहां से जाने लगीं तो पीछे से कालू भट्ट हाथ दिखाकर चिल्लाते हुए बोले, “गलत बात कर रही थीं…”। इतने पर एसडीएम पलटीं और उन्हें चेतावनी दी। इसके बाद नेता चिल्लाते हुए बोलते हैं, “हां डाल दो जेल में…”। पुलिसकर्मी उसे पीछे हटाते हैं और एक महिला पुलिसकर्मी कहती हैं, “ऐ कालू!”।
हालात बिगड़ते देख एसडीएम ने कहा, “इसे जेल जाने का बहुत शौक है, डाल दो जेल में…”। पुलिस ने कालू भट्ट को वहां से हटाया, लेकिन वह लगातार एसडीएम पर चिल्लाते रहे। अंततः एसडीएम वहां से शांति के साथ रवाना हो गईं।
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिससे प्रशासनिक कार्रवाई और राजनीतिक व्यवहार पर सवाल उठ रहे हैं। हिंदू नेता कालू भट्ट ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि वे केवल शहर में चल रहे अभियान की सराहना करने पहुंचे थे, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई, जिससे यह स्थिति बनी। वहीं, प्रशासन का कहना है कि सरकारी ड्यूटी में बाधा डालना और महिला अधिकारी से इस तरह का बर्ताव किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
फिलहाल, इस मामले को लेकर पुलिस जांच शुरू हो गई है, और कालू भट्ट पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। मामला संवेदनशील होने के कारण राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है।