जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर क्षेत्र के किसानों के लिए 20 मार्च का दिन ऐतिहासिक बन गया, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनकी वर्षों पुरानी मांग को स्वीकार करते हुए एक बड़ा निर्णय लिया। किसानों ने लंबे समय से आग्रह किया था कि इस परियोजना में उन्हें अधिकतम विकसित भूमि का आवंटन किया जाए, ताकि वे अपनी आजीविका को सुरक्षित रखते हुए इस विकास यात्रा में भागीदार बन सकें। राज्य सरकार ने उनकी इस मांग को पूरी संवेदनशीलता के साथ स्वीकार किया और कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया कि इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर में किसानों को कुल विकसित भूमि का 60% हिस्सा आवंटित किया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण फैसले से लाभान्वित होने वाले गांवों में कोडियाबर्डी, नैनोद, रिंजलाय, बिसनावदा, नावदा पंथ, श्रीराम तलावली, सिन्दोड़ा, सिन्दोड़ी, शिवखेड़ा, नरलाय मोकलाय, डेहरी, सोनवाय, भैंसलाय, बागोदा, टीही और धन्नड़ जैसे कई गांव शामिल हैं। इस योजना के तहत कुल 1290.74 हेक्टेयर भूमि का विकास किया जाएगा, जिसमें से किसानों को मुआवजे के बदले में विकसित भूखंड प्राप्त होंगे।
इसी के चलते बुधवार को इंदौर एयरपोर्ट पर किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिला और उनके इस निर्णय के लिए कृतज्ञता प्रकट की। इस दौरान जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। किसानों ने मुख्यमंत्री के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री जी, आपने रंगपंचमी का दिन हमारी दिवाली बना दिया।”
हालांकि, इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में गेर उत्सव के दौरान हुए हादसे में एक व्यक्ति की दुखद मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए किसानों द्वारा किए जा रहे सम्मान को विनम्रता से अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस दुखद घड़ी में वे किसी प्रकार का सम्मान स्वीकार नहीं कर सकते, लेकिन उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी सरकार सदैव किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
कैसे बदलेगा यह निर्णय किसानों का भविष्य?
✅ बेहतर भूमि उपयोग: अब किसानों को केवल मुआवजा नहीं, बल्कि विकसित भूखंड भी मिलेंगे, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकेंगे।
✅ नए व्यापार और उद्योग: इकॉनोमिक कॉरिडोर बनने से छोटे और बड़े व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापार के अवसर बढ़ेंगे।
✅ रोजगार के नए अवसर: इस परियोजना से स्थानीय युवाओं के लिए नई नौकरियों के द्वार खुलेंगे, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास होगा।
✅ अधोसंरचना में सुधार: इस क्षेत्र में आधुनिक सड़कों, बिजली, जल आपूर्ति और अन्य आवश्यक सुविधाओं का विकास होगा, जिससे किसानों का जीवनस्तर ऊंचा उठेगा।
इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के आर्थिक विकास की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। यह कॉरिडोर प्रदेश में औद्योगिक निवेश, व्यापार और अधोसंरचना विकास को गति देगा, जिससे न केवल स्थानीय किसान बल्कि समूचा प्रदेश लाभान्वित होगा।