जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए नए चेहरे की तलाश तेज हो गई है। शनिवार (17 अगस्त) की शाम 6 बजे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय बोर्ड की अहम बैठक होगी, जिसमें NDA की ओर से उम्मीदवार के नाम पर मुहर लग सकती है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत पार्टी के शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, जो भी उम्मीदवार चुना जाएगा वह 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेगा। इस दौरान NDA शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी दिल्ली पहुंचेंगे और उम्मीदवार के साथ नामांकन प्रक्रिया में शामिल होंगे।
विपक्ष भी सक्रिय, 18 अगस्त को होगी INDIA ब्लॉक की बैठक
उधर, विपक्षी गठबंधन INDIA (I.N.D.I.A.) भी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार पर चर्चा करेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 18 अगस्त (सोमवार) को गठबंधन के अन्य नेताओं के साथ बैठक करेंगे। विपक्ष की कोशिश है कि एक सर्वमान्य नाम उतारा जाए, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो सके।
क्यों हो रहा है उपचुनाव?
दरअसल, मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक इस्तीफा दे दिया था। 74 वर्षीय धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया। अब उनकी जगह नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कराया जा रहा है।
उपराष्ट्रपति चुनाव का शेड्यूल
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नामांकन की आखिरी तारीख: 21 अगस्त
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नामांकन वापसी की तारीख: 25 अगस्त
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मतदान और मतगणना: 9 सितंबर (इसी दिन परिणाम भी आएगा)
संसद में NDA के पास बढ़त
इस चुनाव में जीत-हार पूरी तरह सांसदों की संख्या पर निर्भर है।
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लोकसभा (542 सदस्य): NDA के पास 293, INDIA गठबंधन के पास 234 सदस्य
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राज्यसभा (240 सदस्य): NDA के पास लगभग 130, INDIA गठबंधन के पास 79 सदस्य
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कुल मिलाकर: NDA के पास 423 सांसदों का समर्थन, जबकि INDIA के पास 313 सांसद
यानी आंकड़ों के लिहाज से NDA का पलड़ा भारी है और उसके उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
संभावित दावेदार: थावरचंद गहलोत का नाम सबसे आगे
भाजपा इस पद के लिए लंबे समय से पार्टी और संगठन से जुड़े नेताओं को प्राथमिकता देती रही है। इस बार सबसे मजबूत दावेदार के रूप में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत का नाम चर्चा में है।
77 वर्षीय गहलोत मध्य प्रदेश से आते हैं और लंबे समय तक राज्यसभा में भाजपा के नेता रहे हैं। वे केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और पार्टी की सर्वोच्च इकाई संसदीय बोर्ड में भी शामिल रहे हैं। जातीय समीकरण (दलित वर्ग) और प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए वे इस पद के लिए उपयुक्त माने जा रहे हैं।
ओम माथुर और हरिवंश नारायण सिंह के नाम भी चर्चा में
गहलोत के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता और वर्तमान में सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का नाम भी संभावित दावेदारों में है। 73 वर्षीय माथुर राजस्थान से आते हैं और भाजपा संगठन में कई अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। वे प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं।
इसके अलावा, जेडीयू नेता और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का नाम भी विकल्पों में शामिल है। 1956 में जन्मे हरिवंश पेशे से पत्रकार रहे हैं और 2014 में पहली बार राज्यसभा पहुंचे थे। NDA अगर सहयोगी दल को मौका देना चाहे, तो हरिवंश सिंह एक मजबूत चेहरा साबित हो सकते हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया: 6 अहम चरण
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निर्वाचक मंडल का गठन – इसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं।
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चुनाव अधिसूचना जारी होना – निर्वाचन आयोग नामांकन, मतदान और मतगणना की तारीखें तय करता है।
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नामांकन प्रक्रिया – उम्मीदवार को 20 सांसदों के प्रस्तावक और 20 सांसदों के समर्थक के हस्ताक्षर कराने होते हैं।
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सीमित प्रचार – सांसद ही मतदाता होते हैं, इसलिए प्रचार संसद तक सीमित रहता है।
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मतदान – सांसद मतपत्र पर प्रत्याशियों को प्राथमिकता क्रम (1, 2, 3…) में अंकित करते हैं।
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मतगणना और परिणाम – 50% से अधिक वैध वोट पाने वाला उम्मीदवार विजयी घोषित होता है।