जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में मुकाबला अब तय हो गया है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ने रिटायर्ड जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है, वहीं NDA की ओर से मौजूदा महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन मैदान में हैं। खास बात यह है कि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से आते हैं – रेड्डी आंध्र प्रदेश से और राधाकृष्णन तमिलनाडु से।
I.N.D.I.A गठबंधन ने साझा उम्मीदवार उतारकर एकजुटता का संदेश दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा – “जब भी लोकतंत्र और संविधान पर संकट आता है, विपक्ष मिलकर उसे बचाता है। जस्टिस रेड्डी का नाम सर्वसम्मति से तय हुआ है।” TMC सांसद डेरेक ओब्रायन ने बताया कि आम आदमी पार्टी भी इस फैसले का समर्थन करेगी।
क्यों हो रहा है चुनाव?
यह उपराष्ट्रपति चुनाव सामान्य समय से पहले हो रहा है क्योंकि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक इस्तीफा दे दिया था। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। अब नया उपराष्ट्रपति 9 सितंबर को होने वाली वोटिंग के बाद चुना जाएगा।
NDA की स्थिति
लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर कुल सांसदों की संख्या 782 है। बहुमत के लिए 391 सांसदों का समर्थन जरूरी है।
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लोकसभा : 542 सांसद (1 सीट खाली), NDA के पास 293
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राज्यसभा : 245 सांसद (5 सीट खाली), NDA के पास 129
यानि NDA को लगभग 422 सांसदों का समर्थन हासिल है, जो बहुमत से ज्यादा है। 2022 में भी एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने 528 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की थी।
जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का सफर
8 जुलाई 1948 को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में जन्मे जस्टिस रेड्डी ने BA और LLM की पढ़ाई की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से वकालत से की और संविधान, सिविल और आपराधिक मामलों में विशेषज्ञता हासिल की।
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1971 : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत की शुरुआत
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1988 : आंध्र प्रदेश के एडवोकेट जनरल नियुक्त
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1995 : आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जज बने
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2005 : गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
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2007 : सुप्रीम कोर्ट के जज बने
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2011 : सुप्रीम कोर्ट से रिटायर
वे गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं और गोवा के पहले लोकायुक्त भी रहे।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ। उन्होंने बीबीए (बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) की पढ़ाई की। राजनीति में उनका सफर आरएसएस स्वयंसेवक से शुरू हुआ और बाद में वे बीजेपी के बड़े नेता बने।
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1996 : भाजपा तमिलनाडु सचिव
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1998-99 : कोयंबटूर से सांसद
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2004-07 : तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष
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2016-20 : कोयर बोर्ड अध्यक्ष
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2020-22 : भाजपा के केरल प्रभारी
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2023 : झारखंड के राज्यपाल बने (साथ ही तेलंगाना और पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार)
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2024 : महाराष्ट्र के राज्यपाल नियुक्त
31 जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया: 6 स्टेप में समझें
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निर्वाचक मंडल तैयार होता है – लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामांकित सांसद मतदान करते हैं।
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अधिसूचना जारी होती है – इस बार 7 अगस्त को अधिसूचना जारी होगी।
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नामांकन दाखिल – उम्मीदवार को 20 सांसदों का प्रस्तावक और 20 सांसदों का समर्थन चाहिए।
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प्रचार सीमित होता है – क्योंकि केवल सांसद ही वोट डालते हैं।
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वोटिंग – सांसद मतपत्र पर उम्मीदवारों को प्राथमिकता के आधार पर क्रम देते हैं।
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काउंटिंग और रिजल्ट – मतदान के दिन ही नतीजा घोषित कर दिया जाता है।
9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा और उसी दिन नतीजे घोषित होंगे।