जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
प्रयागराज में महाकुंभ का महापर्व पूरी श्रद्धा और उल्लास के साथ जारी है। आज, वसंत पंचमी के दिन संगम पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ा हुआ है, और यह पर्व धर्म, ज्ञान और संगीत की देवी माता सरस्वती के आशीर्वाद के रूप में मनाया जा रहा है। इस विशेष दिन को लेकर महाकुंभ में तीसरे और अंतिम अमृत स्नान का आयोजन हो रहा है, जिसमें लाखों श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगा रहे हैं।
वसंत पंचमी, जो देवी सरस्वती के जन्म दिवस के साथ-साथ बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, इस दिन महाकुंभ में विशेष श्रद्धा के साथ अमृत स्नान किया जा रहा है। इस दौरान साधु-संत हाथों में तलवार, गदा, डमरू और शंख के साथ संगम की ओर बढ़ रहे हैं। उनका यह दृश्य किसी दिव्य शक्ति का अहसास कराता है, जहाँ हर-हर महादेव का जयघोष गूंज रहा है। सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संत संगम पहुंचे और फिर सबसे बड़े जूना अखाड़े और किन्नर अखाड़े ने अमृत स्नान किया।
अंतर्राष्ट्रीय श्रद्धालु भी जुटे संगम पर
महाकुंभ के इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु संगम पहुंचे हैं। 20 से अधिक देशों से लोग इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनने के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं। हेलिकॉप्टर से संगम पर 20 क्विंटल फूल बरसाए गए, जो इस भव्य आयोजन को और भी दिव्य बना रहे हैं। लाखों श्रद्धालु संगम तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा कर रहे हैं, और संगम जाने वाले रास्तों पर 10 किमी तक श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिल रहा है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, प्रशासन की पूरी तैयारी
महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखा गया है। 60 हजार से अधिक जवानों की तैनाती की गई है, और 100 से ज्यादा नए IPS अधिकारियों को भी सुरक्षा ड्यूटी पर लगाया गया है। हेलिकॉप्टर से भीड़ की निगरानी की जा रही है, और 2750 CCTV कैमरों से पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन के अनुसार, 3 से 4 करोड़ श्रद्धालुओं के आज संगम में स्नान करने का अनुमान है।
जानकारी के लिए बता दें, दूसरे अमृत स्नान पर हुई भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। 2 से 4 फरवरी तक प्रयागराज शहर और मेला क्षेत्र में वाहनों की एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई है। यहां तक कि VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं। वहीं, महाकुंभ में किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने के लिए पूरे मेला क्षेत्र में हेलिकॉप्टर से निगरानी की जा रही है। सभी रेलवे स्टेशनों पर वन-वे ट्रैफिक लागू कर दिया गया है। श्रद्धालु पार्किंग से शटल बसों या पैदल घाटों तक पहुंचेंगे।