जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
ग्वालियर के ऐतिहासिक किले पर शनिवार शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक 17 वर्षीय नाबालिग छात्रा ने लाइट एंड साउंड पॉइंट से छलांग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की। गनीमत रही कि छात्रा नीचे गिरते ही झाड़ियों में फंस गई, जिससे उसकी जान बच गई। घटना को वहां मौजूद पर्यटकों ने देखा और तत्काल पुलिस को सूचना दी। करीब डेढ़ घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद छात्रा को सुरक्षित बाहर निकाला गया और उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
भाई से नाराज होकर उठाया खतरनाक कदम
प्रारंभिक पूछताछ में छात्रा ने पुलिस को बताया कि उसका अपने भाई से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। भाई ने डांट दिया था, जिससे नाराज होकर उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। पुलिस ने उसके परिजनों को सूचना दे दी है और अब मामले की जांच की जा रही है।
लाइट एंड साउंड पॉइंट से लगाई छलांग
यह घटना शनिवार शाम की है। ग्वालियर किले पर उस समय बड़ी संख्या में लोग सुहाने मौसम और ऐतिहासिक नजारों का आनंद ले रहे थे। कई पर्यटक लाइट एंड साउंड शो पॉइंट पर खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे। इसी बीच छात्रा अचानक वहां से कूद गई। नीचे खड़ी भीड़ यह नजारा देखकर सन्न रह गई और तुरंत पुलिस को फोन किया।
कॉन्स्टेबल ऋषि सिंह ने दिखाई बहादुरी
सूचना मिलते ही किले पर मौजूद पुलिस चौकी से कॉन्स्टेबल ऋषि सिंह तोमर मौके पर पहुंचे। बिना देर किए उन्होंने रस्सी के सहारे तलहटी में उतरने का निर्णय लिया। अकेले ही नीचे पहुंचकर उन्होंने देखा कि छात्रा झाड़ियों में फंसी हुई है और उसकी सांसें चल रही हैं। उन्होंने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों और नगर निगम की रेस्क्यू टीम को बुलाने का अनुरोध किया।
डेढ़ घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
थोड़ी ही देर में नगर निगम की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और रस्सियों की मदद से तलहटी में फंसी छात्रा तक पहुंचने का प्रयास शुरू किया। यह काम बेहद कठिन था, क्योंकि क्षेत्र गहरी खाई और घने पेड़ों से घिरा हुआ है। टीम ने करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद छात्रा को रस्सी के जरिए ऊपर खींचकर सुरक्षित निकाला।
अस्पताल में भर्ती, हल्की चोटें आईं
छात्रा को तत्काल एंबुलेंस से नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसे गंभीर चोटें नहीं आईं हैं, सिर्फ हाथ-पैर पर खरोंच और हल्की चोटें हैं। फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने छात्रा के परिजनों को सूचना देकर बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि नाबालिग ने घरेलू विवाद और भावनात्मक आघात के चलते यह कदम उठाया, लेकिन समय रहते बचाव हो गया। पुलिस ने यह भी कहा कि कॉन्स्टेबल ऋषि सिंह की सूझबूझ और बहादुरी की वजह से यह घटना एक बड़ी त्रासदी बनने से टल गई।