जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
पीथमपुर में आज शनिवार को तीसरे दिन भी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे के खिलाफ विरोध जारी है। लेकिन इसी बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत फिलहाल भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का जहरीला कचरा अब पीथमपुर में नहीं जलाया जाएगा।
दरअसल, पीथमपुर में कचरे को जलाने के खिलाफ स्थानीय लोगों ने तीव्र विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने शुक्रवार रात को मुख्यमंत्री निवास पर एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में डिप्टी CM जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद स्पष्ट किया कि जनता की सुरक्षा उनके लिए सर्वोपरि है।
वहीं, 4 जनवरी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए कचरा पीथमपुर लाया गया। हाईकोर्ट को स्थिति की जानकारी देने के बाद ही आगे का फैसला लिया जाएगा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “मध्य प्रदेश सरकार जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाली सरकार है। हम हमेशा जनता के हितों को आगे लेकर बढ़े हैं… कोर्ट के आदेश के परिपालन के तौर पर ही हमने यूनियन कार्बाइड कारखाने के कचरे को पीथमपुर पहुंचाया है… 4 तारीख को इस कार्य के लिए न्यायालय ने हमें डेडलाइन दी थी… जनता को ये बताना जरूरी है कि सुरक्षा के मापदंडों को लेकर कोई खतरा नहीं है। जनता के बीच जो डर का माहौल है उसे देखते हुए हमारा प्रयास रहेगा कि न्यायालय के सामने इस विषय को लाएं और उसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाए… मेरा सभी से निवेदन है कि झूठी अफवाहों पर विश्वास न करें, हम सब जनता के साथ हैं”
बता दें, पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि इससे उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। स्थानीय लोगों के विरोध को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि कोई भी कदम हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही उठाया जाएगा।