जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
सिंगरौली में रक्षाबंधन के अवसर पर सुरक्षा संदेश देने और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए भाजपा विधायक रामनिवास शाह ने 251 बहनों को हेलमेट भेंट कर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने मंच से यह संदेश भी दिया था कि सड़क पर सुरक्षा को लेकर हर नागरिक को जिम्मेदारी निभानी चाहिए। लेकिन, ठीक अगले दिन यानी सोमवार को हालात बिल्कुल उलट दिखे। तिरंगा यात्रा के दौरान विधायक स्वयं और उनके समर्थक खुलेआम बिना हेलमेट के बाइक पर सवार नजर आए।
तिरंगा यात्रा का आयोजन भाजपा कार्यालय से शुरू हुआ और विंध्य नगर रोड, बैढ़न के मस्जिद तिराहा, अंबेडकर चौक, तुलसी मार्ग होते हुए यातायात तिराहे तक पहुंचा। यात्रा में सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी शामिल हुए। कई बाइकें तिरंगे से सजी हुई थीं, पर यातायात नियमों की अनदेखी साफ दिख रही थी। अधिकांश बाइक सवारों और पीछे बैठे लोगों ने हेलमेट नहीं पहना। यहां तक कि विधायक रामनिवास शाह भी बुलेट की पिछली सीट पर सवार थे और न उनके सिर पर हेलमेट था, न ही बुलेट चला रहे व्यक्ति ने यह सुरक्षा उपकरण लगाया था।
विडंबना यह रही कि इस पूरे सफर के दौरान यातायात पुलिस मौजूद थी, लेकिन किसी भी वाहन चालक पर चालान या कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई। इससे आम लोगों में यह सवाल उठने लगा कि क्या कानून सिर्फ आम नागरिकों के लिए है, या नेताओं के लिए अलग नियम चलते हैं।
जब इस मामले पर विधायक रामनिवास शाह से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया, तो उनका फोन नहीं उठाया गया। वहीं, कांग्रेस ने इस मौके पर भाजपा पर सीधा हमला बोला। कांग्रेस आईटी सेल के प्रदेश महामंत्री रामनिवास तिवारी ने कहा—”कल तक बहनों को हेलमेट देकर सुरक्षा का संदेश दे रहे थे, और आज खुद बिना हेलमेट यात्रा में घूम रहे हैं। यही भाजपा की कथनी और करनी का फर्क है।”
इस पर यातायात थाना प्रभारी दीपेंद्र सिंह का कहना था कि यातायात नियमों के अनुसार, बाइक चालक और पीछे बैठने वाले दोनों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा—”आपने ही जानकारी दी है, देखते हैं आगे क्या कार्रवाई की जा सकती है।”