उत्तराखंड में एक महीने में तीसरी हेलिकॉप्टर दुर्घटना: रुद्रप्रयाग में हेलिकॉप्टर की सड़क पर करवाई इमरजेंसी लैंडिंग, बाल-बाल बचे 6 लोग!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में एक और हेलिकॉप्टर दुर्घटना ने फिर से राज्य की हवाई सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे, क्रिस्टल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का एक हेलिकॉप्टर जब बड़ासू हेलीपैड से केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भर रहा था, तभी तकनीकी खामी आने के कारण पायलट को राष्ट्रीय राजमार्ग (हाईवे) पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। इस दौरान हेलिकॉप्टर का पीछे का हिस्सा एक खड़ी कार पर गिरा, जिससे कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हेलिकॉप्टर के पंखों की हवा से सड़क किनारे बनी दुकान की टिन शेड उड़ गई, जिससे दुकान में बैठे लोग जान बचाकर भागे

हेलिकॉप्टर में पायलट समेत कुल 6 लोग सवार थे। गनीमत यह रही कि सभी यात्री सुरक्षित रहे, हालांकि पायलट को हल्की चोटें आईं, जिन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के तुरंत बाद जिला पर्यटन विकास अधिकारी एवं हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने पुष्टि की कि यह तकनीकी खामी थी, जिसे पायलट ने समय रहते भांप लिया और सूझबूझ से हाईवे पर सुरक्षित लैंडिंग की। उन्होंने बताया कि हादसे का हेली शटल सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है और बाकी उड़ानें निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी हैं।

यू-काडा की सीईओ सोनिका ने बताया कि मामले की जानकारी DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) को दे दी गई है और सभी जरूरी जांच प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि यह हेलिकॉप्टर सिरसी हेलीपैड से उड़ान भरने के बाद कुछ ही दूरी पर लैंड हुआ और एहतियातन लैंडिंग के रूप में इसे दर्ज किया गया है।

यह घटना इसलिए भी चिंता का विषय बन जाती है क्योंकि यह एक महीने में उत्तराखंड में तीसरी हेलिकॉप्टर दुर्घटना है—

🔴 8 मई को उत्तरकाशी के गंगनानी में भागीरथी नदी के पास हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। यह हेलिकॉप्टर गंगोत्री धाम जा रहा था। हादसे में पायलट समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें एक मां-बेटी भी शामिल थीं। क्रैश के बाद शवों को निकालने के लिए SDRF और पुलिस की टीमों ने तीन घंटे तक रस्सियों के सहारे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। यह बेल कंपनी का हेलिकॉप्टर था, जो अहमदाबाद की एरोटांस सर्विस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित किया जा रहा था।

🔴 17 मई को केदारनाथ में एक एयर एंबुलेंस हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। इसमें तीन लोग (पायलट, डॉक्टर और नर्स) सवार थे। यह हेलिकॉप्टर एम्स ऋषिकेश से मरीज लेने के लिए आ रहा था, लेकिन लैंडिंग के वक्त संतुलन बिगड़ने से हेलिकॉप्टर जमीन पर गिर गया। हादसे में हेलिकॉप्टर का टेल बूम टूट गया, लेकिन सभी सवार सुरक्षित रहे।

अब रुद्रप्रयाग में तीसरी घटना ने न केवल तीर्थ यात्रियों और आम नागरिकों को डरा दिया है, बल्कि यह साफ कर दिया है कि राज्य की हेली सेवाओं में तकनीकी निगरानी और उड़ान सुरक्षा के मानकों की गहन समीक्षा की जरूरत है।

गौरतलब है कि चारधाम यात्रा के चलते इन दिनों उत्तराखंड में हेली सेवाओं की संख्या काफी बढ़ गई है। लेकिन लगातार हो रही दुर्घटनाएं इस बात की ओर संकेत करती हैं कि या तो तकनीकी निरीक्षण में लापरवाही हो रही है, या फिर फ्लीट की फिटनेस और पायलट ट्रेनिंग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा

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