जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष ने सरकार को कई मोर्चों पर घेरने की रणनीति अपना रखी है। ऑपरेशन सिंदूर, बिहार वोटर वेरिफिकेशन और चुनाव पारदर्शिता जैसे गंभीर मुद्दों पर विपक्षी दलों ने तीखा रुख अपनाया है। इसका असर यह रहा कि पिछले तीन दिनों से संसद में एक घंटे भी कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल सकी। अब लोकसभा में 28 जुलाई और राज्यसभा में 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर 16-16 घंटे की बहस तय की गई है। लेकिन इससे पहले ही माहौल गर्म है।
राहुल गांधी का सीधा हमला – “प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं?”
बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए सवाल किया –
“सरकार कहती है ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है, लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प दावा कर चुके हैं कि उन्होंने सीजफायर करवा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी इस पर एक शब्द क्यों नहीं बोलते?”
राहुल ने आगे कहा कि अगर ट्रम्प इतने बार खुद कह चुके हैं कि उन्होंने शांति स्थापित कर दी है, तो फिर सरकार की ‘चुप्पी’ संदेहास्पद है।
“या तो कुछ छिपाया जा रहा है, या फिर देश को भ्रम में रखा जा रहा है। दाल में ज़रूर कुछ काला है।”
वोटर वेरिफिकेशन पर हंगामा – “SIR के नाम पर हो रही है लोकतंत्र की हत्या”
राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगाया कि बिहार में SIR (Special Identification Registry) के नाम पर SC, ST, OBC और अल्पसंख्यकों के वोट चोरी किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सिर्फ बिहार ही नहीं, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी “मैच फिक्सिंग” जैसी रणनीतियां अपनाई जा रही हैं, जो सीधे चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर रही हैं।
“कर्नाटक की एक लोकसभा सीट की हमने जांच की। बड़े पैमाने पर वोटर डेटा में हेरफेर मिला है। जल्द ही इसका खुलासा करेंगे।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि INDIA गठबंधन इस मुद्दे को संसद से लेकर सड़क तक उठाएगा और जनता को सच्चाई बताएगा।
सदन में हंगामा, कार्यवाही दोपहर 2 बजे से शुरू होकर कुछ ही मिनट में स्थगित
बुधवार को दोपहर 2 बजे जैसे ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। कई सांसद काले कपड़े लहराते हुए वेल में आ गए, जिसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने चेतावनी दी –
“यह संसद है, सड़क नहीं। कृपया अनुशासन बनाए रखें।”
हंगामे के कारण कार्यवाही को एक बार फिर गुरुवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया।