जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत में इस साल मानसून ने समय से पहले दस्तक दी है और इसके साथ ही उत्तर-पूर्वी राज्यों में भारी तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं। असम, मेघालय, मिजोरम और सिक्किम जैसे राज्यों में मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। असम के कामरूप जिले में पिछले 24 घंटे के भीतर भूस्खलन की भयावह घटना में पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग 10 हजार से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आकर प्रभावित हुए हैं। कई इलाकों में मकान ढह गए हैं, सड़कें धंस गई हैं और गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
मिजोरम के लॉन्ग्टलाई शहर में हालात और भी भयावह हैं। यहां लैंडस्लाइड की वजह से पांच घर और एक होटल पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गए हैं। मलबे के नीचे कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन लगातार बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही हैं।
उधर सिक्किम में थेंग और चुंगथांग इलाकों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। यहां भी लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें कई घर मलबे के नीचे दब गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राहत कार्य धीमा चल रहा है।
मेघालय में भी हालात गंभीर हैं। शुक्रवार को पूर्वी खासी हिल्स जिले में तेज बारिश से भूस्खलन हुआ, जिसमें एक महिला की मौत हो गई। इसके अलावा एक व्यक्ति बाढ़ के पानी में बह गया, जिसकी तलाश जारी है। मावकिनरू ब्लॉक में एक दर्दनाक घटना में 15 साल का लड़का पेड़ गिरने से दब गया और उसकी मौत हो गई।
इस बीच जम्मू-कश्मीर में मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल चुका है। शनिवार को हुई बर्फबारी के चलते गुरेज-बांदीपुरा रोड और मुगल रोड पर ट्रैफिक बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने यात्रियों और स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी है।
हिमाचल प्रदेश में भी मौसम विभाग ने तेज आंधी और बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और टूरिस्टों के लिए एडवाइजरी जारी की है और पहाड़ी क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस साल मई में रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई है। भारत में 30 मई तक 116.6 मिमी बारिश हुई है, जो कि मई महीने में अब तक की सबसे अधिक दर्ज बारिश है। यह 1990 के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ चुका है, जब 110.7 मिमी बारिश हुई थी। सामान्य तौर पर मई में औसतन 61.4 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार यह आंकड़ा लगभग दोगुना हो गया है।
मानसून की इस असमय आक्रामक दस्तक ने न केवल रिकॉर्ड तोड़ा है, बल्कि तबाही की नई इबारत भी लिख दी है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और भी अधिक बारिश और लैंडस्लाइड की चेतावनी दी है। प्रशासन हरकत में है, लेकिन प्राकृतिक आपदा के इस दौर में लोगों की सुरक्षा और राहत प्राथमिक चुनौती बन गई है।