भारत में फिर बढ़ने लगा कोरोना का खतरा, एक्टिव केस 1200 के पार; 12 मौतें, 4 नए वैरिएंट मिले; पीएम मोदी के दौरे को लेकर यूपी-बिहार अलर्ट!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

कोरोना वायरस एक बार फिर भारत में अपने पैर पसार रहा है। देशभर में एक्टिव केसों की संख्या 1200 के पार पहुंच चुकी है। कई राज्यों में नए मामले तेजी से सामने आ रहे हैं और अब तक 12 लोगों की मौत भी हो चुकी है। सबसे ज्यादा 430 एक्टिव केस केरल में हैं, इसके बाद महाराष्ट्र में 325 मरीज सामने आए हैं, जिनमें से 316 केवल मुंबई में हैं। यह आंकड़ा यह साफ दिखा रहा है कि कोरोना का खतरा फिर से लौट आया है, और ये सिर्फ एक शहर या राज्य की बात नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है।

मंगलवार को महाराष्ट्र में 66 नए केस, कर्नाटक में 36, गुजरात में 17, बिहार में 5, और हरियाणा में 3 नए मामले रिपोर्ट हुए। इसके अलावा उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी अब संक्रमण की आहट सुनाई देने लगी है। अरुणाचल प्रदेश में दो महिलाएं कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं, जिनमें से एक में बुखार और खांसी के लक्षण हैं, जबकि दूसरी पूरी तरह असिम्प्टोमैटिक है। यह संकेत है कि संक्रमण फिर से बिना लक्षणों के भी तेजी से फैल सकता है।

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से एक और चिंताजनक खबर सामने आई है। यहां 78 वर्षीय बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई, और रिपोर्ट में वह कोविड पॉजिटिव पाए गए। यह यूपी में कोविड के नए वैरिएंट से पहली मौत है, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए चेतावनी है। इसके अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश से 11 अन्य मौतों की पुष्टि हो चुकी है।

जयपुर में 26 मई को दो मौतें हुईं, जिनमें से एक व्यक्ति रेलवे स्टेशन पर मृत मिला था और उसकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दूसरी मौत एक 26 वर्षीय टीबी पीड़ित युवक की हुई, जो निजी अस्पताल में भर्ती था। वहीं, महाराष्ट्र के ठाणे में भी दो लोगों की मौत हुई—एक महिला और एक 21 वर्षीय युवक, जिनका इलाज पिछले सप्ताह से चल रहा था। इससे पहले कर्नाटक के बेंगलुरु में 84 वर्षीय बुजुर्ग की मौत मल्टी ऑर्गन फेल्योर से हुई थी और बाद में उनकी रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव निकली। केरल में भी दो मौतों की पुष्टि हो चुकी है।

इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 29-30 मई को प्रस्तावित उत्तर प्रदेश और बिहार दौरे को लेकर सरकार ने सख्त निगरानी के निर्देश जारी किए हैं। कहा गया है कि पीएम के 100 मीटर के दायरे में रहने वाले हर व्यक्ति की कोविड जांच अनिवार्य होगी। इसका मकसद है कि कोई भी संक्रमित व्यक्ति उनके आसपास न पहुंचे, जिससे सुरक्षा में कोई चूक न हो।

अब सबसे चौंकाने वाली और वैज्ञानिक दृष्टि से अहम बात यह है कि भारत में कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट सामने आए हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 जैसे वैरिएंट दक्षिण और पश्चिम भारत में मिले हैं। इनकी जीनोम सीक्वेंसिंग जारी है और वैज्ञानिक यह समझने में लगे हैं कि ये कितने खतरनाक हो सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन वैरिएंट्स को फिलहाल गंभीर श्रेणी में नहीं डाला है, लेकिन “वैरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग” के तौर पर सूचीबद्ध किया है, जिससे साफ है कि इनमें बदलाव हो सकता है और ये संभावित रूप से खतरनाक बन सकते हैं। खासकर NB.1.8.1 वैरिएंट में पाए गए A435S, V445H, और T478I जैसे म्यूटेशन इसे ज्यादा तेजी से फैलने वाला बना देते हैं। यह वैरिएंट इम्यूनिटी को भी चकमा देने की क्षमता रखता है, यानी पहले संक्रमित हुए लोगों को भी फिर से बीमार कर सकता है।

भारत में JN.1 वैरिएंट सबसे ज्यादा आम पाया गया है। जीनोम टेस्टिंग में 50% से अधिक सैंपल में JN.1 वैरिएंट मिला है, इसके बाद BA.2 (26%) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) वैरिएंट मिल रहे हैं। JN.1 वैरिएंट को पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था, और दिसंबर 2023 में WHO ने इसे “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” घोषित किया था। इसमें करीब 30 म्यूटेशन हैं जो मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करते हैं।

जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार, JN.1 वैरिएंट आसानी से फैलता है, लेकिन ज्यादा गंभीर नहीं है। हालांकि इसके लक्षण कई हफ्तों तक रह सकते हैं और कई मामलों में यह लॉन्ग कोविड का कारण भी बनता है, जिसमें लक्षण ठीक होने के बाद भी महीनों तक बने रहते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है। अगर आप सार्वजनिक जगहों पर जाते हैं, तो मास्क पहनना, हाथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। अगर किसी को बुखार, खांसी या सांस लेने में परेशानी हो, तो तुरंत टेस्ट कराएं। सबसे ज़रूरी बात — बुजुर्ग, पहले से बीमार और इम्यूनिटी कमजोर लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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