जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। बीते 10 दिनों में मामलों में 15 गुना उछाल देखने को मिला है, जिससे स्वास्थ्य महकमे से लेकर आम लोगों तक में चिंता बढ़ गई है। फिलहाल देश में कुल एक्टिव केसों की संख्या 3,976 तक पहुंच गई है, जिसमें अकेले केरल में सबसे ज्यादा 1,435 मरीज सामने आए हैं। इसके बाद महाराष्ट्र 506 एक्टिव केसों के साथ दूसरे स्थान पर है।
हालात तब और चिंताजनक हो गए जब पिछले 24 घंटे में कोरोना से 6 लोगों की मौत हो गई। इनमें अहमदाबाद की एक 18 साल की गर्भवती लड़की और 47 वर्षीय महिला शामिल हैं। वहीं, दिल्ली में 22 साल की युवती और तमिलनाडु में 25 साल के युवक की मौत रविवार को कोरोना संक्रमण से हो चुकी है। अब तक इस वर्ष कुल 34 मौतें दर्ज हो चुकी हैं।
कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने एक बार फिर सार्वजनिक सलाह (पब्लिक एडवाइजरी) जारी की है। इसमें नागरिकों से भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने और स्वच्छता का पालन करने की अपील की गई है। राज्य में अभी 253 एक्टिव केस हैं।
केंद्र सरकार ने भी कहा है कि वह पूरी तरह सतर्क है। केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बयान दिया कि ICU, ऑक्सीजन प्लांट्स, मेडिकल स्टाफ, टेस्टिंग लैब्स और संसाधनों की समीक्षा पूरी हो चुकी है और किसी भी संभावित संकट से निपटने के लिए तैयारियां पूरी हैं।
इसी बीच मिजोरम में 7 महीने बाद फिर से कोविड के मामले सामने आए हैं। 30 मई को 2 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए, जिन्हें जोरम मेडिकल कॉलेज, आइजोल में भर्ती कराया गया है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से घबराने की बजाय कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है।
महाराष्ट्र में कोविड टेस्टिंग फिर से तेज कर दी गई है। सिर्फ 31 मई को राज्य में 68 नए मामले सामने आए। जनवरी 2025 से अब तक 10,324 कोविड टेस्ट किए गए हैं, जिनमें 681 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मुंबई में ही जनवरी से अब तक 411 संक्रमित मिल चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर में भी दो नए मरीज सामने आए हैं, दोनों केरल से हैं और श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।
सबसे चौंकाने वाली खबर यह है कि देश में कोविड के 4 नए वैरिएंट सामने आए हैं। ICMR के निदेशक डॉ. राजीव बहल के अनुसार ये वैरिएंट दक्षिण और पश्चिम भारत से मिले हैं, जिनमें LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 शामिल हैं।
इनमें से NB.1.8.1 वैरिएंट में A435S, V445H, और T478I जैसे म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इसे अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलने वाला बनाते हैं। इस वैरिएंट पर इम्यूनिटी का असर भी कम होता है, यानी पहले संक्रमित हो चुके लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।
JN.1 वैरिएंट भारत में सबसे आम हो चुका है। अब तक की टेस्टिंग में 50% से ज्यादा सैंपल में यही वैरिएंट मिला है, इसके बाद BA.2 (26%) और ओमिक्रॉन के सबलाइनेज (20%) का नंबर आता है।
हालांकि WHO ने इन वैरिएंट्स को अभी चिंताजनक श्रेणी में नहीं रखा है, लेकिन निगरानी में जरूर रखा गया है। चीन और अन्य एशियाई देशों में भी यही वैरिएंट तेजी से फैल रहे हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर सतर्कता जरूरी हो गई है।
देश की जनता से अपील है कि लापरवाही न बरतें, मास्क पहनें, हाथ धोते रहें और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं। अभी भले ही स्थिति गंभीर न हो, लेकिन सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।