नरसिंहपुर में होगा प्रदेश का सबसे बड़ा कृषि उद्योग समागम, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे “कृषि उद्योग समागम 2025” का शुभारंभ; समागम में होंगे बड़े निवेश के ऐलान!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

प्रदेश में वर्ष 2025 को “उद्योग एवं रोजगार वर्ष” के रूप में मनाया जा रहा है। इस क्रम में ‘इन्वेस्ट मध्यप्रदेश’ अभियान के अंतर्गत राज्य में औद्योगिक संभावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों की अगली कड़ी के रूप में नरसिंहपुर जिले में 26 मई को एक भव्य “कृषि उद्योग समागम 2025” का आयोजन होने जा रहा है। इस महत्वपूर्ण समागम का शुभारंभ भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ करेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मंत्रिपरिषद के सदस्यगण, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, देशभर से आए उद्योगपति, किसान संगठन और आमजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहेंगे।

यह समागम प्रदेश की कृषि व्यवस्था को एक नई दिशा देने की दृष्टि से ऐतिहासिक माना जा रहा है। आयोजन का उद्देश्य कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना, खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) में निजी और सार्वजनिक निवेश को आकर्षित करना, तथा किसानों को सीधे बेहतर बाजार से जोड़ना है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि जब किसान की आय बढ़ेगी, तभी प्रदेश और देश समृद्ध बनेगा।

इस आयोजन के दौरान कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, उद्यानिकी और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में काम कर रही औद्योगिक इकाइयों का शिलान्यास और लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही, निवेशकों को भूमि आवंटन पत्र, आशय पत्र (Letter of Intent) भी सौंपे जाएंगे, जिससे वे अपने व्यवसायिक उपक्रमों को गति दे सकें।

“कृषि उद्योग समागम 2025” न केवल एक निवेश कार्यक्रम है, बल्कि यह उद्योग जगत, किसान संगठनों, कृषक उत्पादक कंपनियों (FPOs), स्टार्टअप्स और नीति निर्माताओं के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण मंच भी होगा। यहाँ नीति प्रस्तुतिकरण, सहयोगात्मक साझेदारियों पर चर्चा और निर्णय लिए जाएंगे, जिससे आगामी वर्षों में प्रदेश का कृषि-आधारित उद्योग एक नई ऊँचाई पर पहुंच सके।

कार्यक्रम के विशेष आकर्षण में एक विशाल प्रदर्शनी भी शामिल है, जिसमें आधुनिक कृषि तकनीक, स्मार्ट उपकरण, जैविक खेती, सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली, और प्रक्रिया उद्योगों के नवीनतम मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे। इससे किसानों को नई तकनीकों से रूबरू होने और उन्हें अपनी खेती में अपनाने का अवसर मिलेगा।

सरकार का मानना है कि मध्यप्रदेश की कृषि भूमि, जल संसाधन, जलवायु और परंपरागत कृषि अनुभव ऐसे स्तंभ हैं जिन पर देश का अगला खाद्य क्रांति आधारित औद्योगिक विस्तार खड़ा हो सकता है। इसलिए यह समागम न केवल निवेश का अवसर है, बल्कि प्रदेश के किसानों को उन्नति की नई राह दिखाने वाला क्रांतिकारी कदम भी है।

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