जूते उतारते ही फैल जाती है बदबू? जानिए क्यों होता है ऐसा और कैसे पाएं छुटकारा – पढ़‍िए पूरी हेल्थ रिपोर्ट

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

अक्सर ऐसा होता है कि जैसे ही आप अपने जूते उतारते हैं, एक अजीब और तीखी बदबू पूरे कमरे में फैल जाती है। यह न केवल खुद के लिए बल्कि दूसरों के सामने भी शर्मिंदगी का कारण बन सकती है। खासकर जब आप दोस्तों के घर जाएं, किसी पार्टी या समारोह में हों या फिर ऑफिस में बैठकों के दौरान जूते उतारने की नौबत आ जाए, तब यह बदबू आपकी सोशल लाइफ को प्रभावित कर सकती है। यह समस्या खासकर उन लोगों को ज्यादा होती है, जो दिनभर जूते पहने रहते हैं, जिन्हें पैरों में अधिक पसीना आता है या जो एक ही जूते को लंबे समय तक बिना साफ किए पहनते रहते हैं।

इस बदबू के पीछे असली कारण पसीना नहीं बल्कि बैक्टीरिया होते हैं। दरअसल, पसीने में अपनी कोई गंध नहीं होती। लेकिन जब यह पसीना जूतों के अंदर बंद नमी और गंदगी के साथ मिलकर बैक्टीरिया को जन्म देता है, तो यही बैक्टीरिया पसीने और डेड स्किन को तोड़ते हैं और उसमें से अपशिष्ट के रूप में कुछ ऑर्गेनिक एसिड्स जैसे मेथेनेथियोल, आइसोवेलरिक एसिड और प्रोपेनोइक एसिड छोड़ते हैं, जिनकी गंध तेज होती है और यही जूतों की बदबू का मुख्य कारण बनती है।

इस बदबू को रोकने के लिए सबसे पहला कदम है पैरों की सफाई और हाइजीन बनाए रखना। हर दिन जूते पहनने से पहले पैरों को अच्छी तरह धोना और सुखाना जरूरी है, ताकि गंदगी और नमी जूतों में न पहुंचे। मोजे पहनना अनिवार्य है और उन्हें हर दिन बदलना भी उतना ही जरूरी है। मोजे पसीने को सोख लेते हैं, जिससे बैक्टीरिया को पनपने का मौका नहीं मिलता। इसके अलावा मोजों को हर 6 से 12 महीने में बदलते रहना चाहिए क्योंकि पुरानी मोजों में फंगस और बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं।

जूतों की सफाई और देखभाल भी उतनी ही जरूरी है। सालों से एक ही इनर सोल्स (कुशन) का इस्तेमाल करने से भी बदबू की समस्या बढ़ सकती है क्योंकि इनर सोल्स नमी को सोखते हैं और बैक्टीरिया का अड्डा बन जाते हैं। ऐसे में समय-समय पर इनर सोल्स को बदलना चाहिए, खासतौर पर एंटीमाइक्रोबियल ट्रीटमेंट वाले सोल्स का चयन करना फायदेमंद हो सकता है।

अगर एक्सरसाइज या भारी मेहनत वाले कामों के बाद आपके जूते पसीने से भीग जाते हैं, तो उन्हें तुरंत उतारकर धूप में सूखने के लिए रखें। धूप की गर्मी नमी को सूखाकर बैक्टीरिया को खत्म कर देती है। हफ्ते में कम से कम एक बार जूतों को पूरी तरह खोलकर धूप में जरूर रखें, ताकि अंदर की दुर्गंध और नमी दोनों खत्म हो सकें।

कुछ आसान घरेलू उपाय भी इस समस्या को दूर कर सकते हैं। सफेद विनेगर और पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर एक स्प्रे बोतल में भर लें और जूतों के अंदर स्प्रे करें, यह बदबू को बेअसर करता है और बैक्टीरिया से लड़ता है। इसी तरह बेकिंग सोडा को रातभर जूतों में डालकर छोड़ दें, यह प्राकृतिक डिओडराइज़र है और दुर्गंध को सोख लेता है। एसेंशियल ऑयल जैसे टी ट्री, लौंग या देवदार की लकड़ी का तेल भी जूतों में खुशबू और एंटीफंगल सुरक्षा प्रदान करता है।

कुछ लोग जूतों में साबुन की टिकिया या टी बैग्स रखना भी पसंद करते हैं। ये दोनों चीजें जूतों की बदबू को सोख लेती हैं और हल्की खुशबू छोड़ती हैं। खास ध्यान रखें कि साबुन सूखा हो और टी बैग्स इस्तेमाल के बाद फेंक दिए जाएं।

जूते धोते समय कई लोग कुछ सामान्य लेकिन गंभीर गलतियां कर बैठते हैं। जैसे कि वॉशिंग मशीन में जूते धोना, जो उनके शेप को बिगाड़ सकता है। या फिर उन्हें लंबे समय तक पानी में भिगोकर रखना, जिससे उनकी सिलाई और गोंद कमजोर हो जाती है। जूतों को साफ करते समय हमेशा उस जूते की बनावट के हिसाब से ब्रश का इस्तेमाल करें, ताकि ऊपरी मटेरियल खराब न हो। चमड़े या सिंथेटिक जूतों पर हार्श केमिकल्स का प्रयोग करने से बचें, क्योंकि इससे उनका रंग उड़ सकता है और चमक खत्म हो सकती है।

बदबू से बचने के लिए यह भी जरूरी है कि एक ही जोड़ी जूते को रोज न पहनें। कोशिश करें कि दो से तीन जोड़ी जूतों को बदल-बदल कर पहनें, ताकि हर जूते को पर्याप्त समय मिल सके सूखने और हवादार होने का। और सबसे जरूरी बात, बहुत टाइट जूते न पहनें, क्योंकि उनमें हवा का प्रवाह नहीं हो पाता, जिससे नमी ज्यादा रहती है और बदबू बढ़ जाती है।

कुल मिलाकर, जूतों की बदबू एक आम लेकिन गंभीर समस्या है जो आपकी व्यक्तिगत हाइजीन और सोशल इमेज दोनों को प्रभावित कर सकती है। लेकिन थोड़ी सी जागरूकता, नियमित सफाई और कुछ आसान घरेलू उपायों से आप इस परेशानी को जड़ से खत्म कर सकते हैं। हेल्दी पैर, साफ जूते और बेफिक्र कदम – बस इन्हीं तीन चीज़ों की जरूरत है, ताकि जूते उतारते समय सिर शर्म से नहीं, बल्कि सुकून से झुके।

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