जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल में बुधवार को नशा मुक्ति भारत अभियान की पाँचवीं वर्षगांठ पर आयोजित राज्य स्तरीय वृहद नशा मुक्ति शपथ ग्रहण समारोह में मध्यप्रदेश सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट संदेश दिया कि राज्य में नशे के खिलाफ लड़ाई केवल कानून के स्तर तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सामाजिक जागरूकता और जनसहभागिता के बल पर इसे जड़ से समाप्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हंसध्वनि सभागार, रवींद्र भवन में आयोजित इस समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। इस दौरान उन्होंने उपस्थित जनसमूह को नशा मुक्त समाज के निर्माण का संकल्प दिलाया और कहा—”नशा परिवार, समाज और देश की खुशहाली को पीछे धकेल देता है, इसे खत्म करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।”
समारोह में मुख्यमंत्री ने “विवेकानंद नशा मुक्ति पुरस्कार” वितरित कर नशामुक्त समाज के निर्माण में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित किया। वर्ष 2023-24 के लिए इस सम्मान से शुद्धि नशा मुक्ति केंद्र के अध्यक्ष राजीव तिवारी, शहीद भगत सिंह सेवा समिति से सुजीत कुमार द्विवेदी, अतिरिक्त पुलिस उप-आयुक्त इंदौर राजेश दंडौतिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विदिशा प्रशांत चौबे और हॉकफोर्स बालाघाट के उप पुलिस अधीक्षक संतोष पटेल को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के 56 लाख 52 हजार से अधिक हितग्राहियों को ₹339 करोड़ की राशि का सिंगल क्लिक से अंतरण कर उन्हें शुभकामनाएं दीं।
अपने संबोधन में डॉ. यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाँच वर्ष पहले शुरू किए गए “नशा मुक्त भारत अभियान” का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार इस दिशा में लगातार ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 19 धार्मिक क्षेत्रों में शराब की दुकानों और बार पर प्रतिबंध लगाया गया है, जबकि 15 से 31 जुलाई के बीच “नशे से दूरी है जरूरी” अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस नशा कारोबारियों के मास्टरमाइंड पर शिकंजा कस रही है और आगे भी चाहे अपराधी कितना ही रसूखदार क्यों न हो, कार्रवाई जारी रहेगी।
सीएम यादव ने कहा कि नशा मुक्ति की दिशा में कानून के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता जरूरी है। उन्होंने उपस्थित लोगों को प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान की समृद्ध परंपरा की याद दिलाते हुए कहा कि जगदीश चंद्र बसु के शोध ने दुनिया को चौंका दिया था, जब उन्होंने सिद्ध किया कि पौधों में भी प्राण होते हैं। यह उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारत अपनी संस्कृति, सहकार और सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए जाना जाता है और इन्हीं मूल्यों के बल पर देश विश्व में विशिष्ट स्थान बनाए हुए है।
मुख्यमंत्री ने गायत्री परिवार और ब्रह्मा कुमारी संस्था के नशा मुक्ति अभियान में योगदान को सराहा और लोगों से आह्वान किया कि वे स्वयं नशा छोड़कर दूसरों को भी प्रेरित करें। उन्होंने इस अवसर पर भगवान श्री बलराम और श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को प्रदेश स्तर पर धूमधाम से मनाने की घोषणा भी की।
समारोह में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने कहा कि अगस्त माह में नशे के खिलाफ देशव्यापी जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पुलिस व समाज के सहयोग से यह अभियान सफल हो रहा है। उन्होंने नशे को समाज के लिए “अभिशाप” बताते हुए कहा कि जनसहयोग से ही विकसित और समृद्ध भारत के संकल्प को साकार किया जा सकता है।
कार्यक्रम में विधायक भगवानदास सबनानी, विधायक रामेश्वर शर्मा, भोपाल की महापौर मालती राय, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, परशुराम कल्याण बोर्ड अध्यक्ष विष्णु राजौरिया, प्रमुख सचिव समाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण सोनाली वायंगणकर, एडीजी नारकोटिक्स संजीव कंचन सहित बड़ी संख्या में ब्रह्मा कुमारी, गायत्री परिवार, रामचंद्र मिशन के प्रतिनिधि और समाजसेवी मौजूद रहे।