जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमान सुरक्षा और तकनीकी आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक और गर्व भरा अध्याय जुड़ गया है। पहली बार देश में पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से तैयार की गई ‘फ्रिक्शन रनवे टेस्टिंग मशीन’ का उपयोग यहां विमानों की सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए किया गया। इस खास मशीन का शनिवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा परीक्षण किया गया, जिसमें रनवे को न सिर्फ पूरी तरह सुरक्षित और स्मूद लैंडिंग के लिए उपयुक्त पाया गया, बल्कि यह भी प्रमाणित हो गया कि यहां भारी-भरकम विमानों का संचालन भी बिना किसी जोखिम के संभव है।
इस अनोखी मशीन को ‘एयरपोर्ट सरफेस फ्रिक्शन टेस्टर’ (ASFT) नाम दिया गया है, जिसे पहले तक केवल विदेशों से आयात किया जाता था। लेकिन अब भारत ने खुद इसे तैयार करके आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा लिया है। यह मशीन एक कार पर इंस्टॉल की जाती है, जिसके नीचे एक खास पहिया होता है। जब कार रनवे पर दौड़ती है, तो यह पहिया रनवे की सतह को छूते हुए घर्षण (फ्रिक्शन) की सटीक मात्रा मापता है और उसका डेटा मशीन में दर्ज करता है।
यह प्रक्रिया इसलिए बेहद जरूरी मानी जाती है क्योंकि विमानों की लैंडिंग के दौरान उनके टायरों से निकलने वाला रबर रनवे पर चिपक जाता है, जिससे समय के साथ सतह पर फिसलन बढ़ जाती है। ऐसे में यदि घर्षण की मात्रा कम हो जाए तो लैंडिंग के दौरान विमान के टायर फट सकते हैं या उसे झटका लग सकता है। लेकिन इस टेस्ट ने साबित कर दिया है कि इंदौर एयरपोर्ट का रनवे इस समय किसी भी बड़े विमान के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।
रात में हो रहा रनवे मरम्मत कार्य – 25 करोड़ की लागत से
सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए इंदौर एयरपोर्ट पर 25 करोड़ रुपए की लागत से रनवे की मरम्मत का कार्य भी चल रहा है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस कार्य का टेंडर सितंबर में जारी किया था और नवंबर में चंद्रपुर की श्रीसाईं कंस्ट्रक्शन कंपनी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। पुराने डामर को हटाकर करीब 8 इंच मोटी नई परत बिछाई जा रही है। यह कार्य हर रात 10:30 बजे से सुबह 6:30 बजे तक किया जा रहा है, इसलिए इन घंटों में उड़ानों का संचालन बंद रहता है। यह प्रक्रिया 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक चलेगी।
अब बोइंग 777 जैसे बड़े विमान भी इंदौर में उतर सकेंगे
इंदौर एयरपोर्ट की क्षमता अब इतनी बढ़ गई है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बोइंग 777 जैसे वाइड बॉडी विमान भी यहां आसानी से उतर सकते हैं। दरअसल, 2021 में पीएम का विमान एक प्रैक्टिस फ्लाइट के तहत इंदौर आया था, लेकिन रनवे के टर्नपैड की कम चौड़ाई की वजह से उसे बिना उतरे लौटना पड़ा। इस घटना के बाद 2022 में टर्नपैड की चौड़ाई चार मीटर तक बढ़ा दी गई, जिससे अब बड़े विमान आसानी से लैंड कर सकते हैं।