जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस का खतरा तेज़ी से बढ़ता दिखाई दे रहा है। शुक्रवार को एक्टिव केस की संख्या 1828 तक पहुंच गई, जो बीते कुछ हफ्तों से लगातार बढ़ती जा रही है। गुजरात के अहमदाबाद में एक दिन के नवजात की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से चिंता और गहरा गई है। बच्चे को तुरंत ICU में भर्ती कराया गया है, जबकि उसकी मां पिछले सप्ताह संक्रमित पाई गई थीं। मां की रिपोर्ट अब निगेटिव है, लेकिन नवजात का पॉजिटिव होना एक बड़ा अलार्म है कि संक्रमण अब फिर से कमजोर और संवेदनशील लोगों को तेजी से चपेट में ले रहा है।
महज 8 महीने की एक बच्ची ऑक्सीजन सपोर्ट पर है, जबकि देश में अब तक कोरोना से मौत का आंकड़ा 15 तक पहुंच गया है। अकेले महाराष्ट्र में 6 मौतें दर्ज की गई हैं। राज्य सरकार ने स्थिति को देखते हुए इन्फ्लुएंजा और सांस से जुड़ी बीमारियों का सर्वे शुरू कर दिया है ताकि कोरोना के नए मामलों का सही अंदाजा लगाया जा सके।
केरल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सक्रिय केस
केरल में एक्टिव केस की संख्या 727 हो गई है, जो देश में सबसे ज्यादा है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पुष्टि की है कि राज्य में कोरोना का नया वैरिएंट – ओमिक्रॉन JN.1 का LF.7 स्ट्रेन सक्रिय है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैल रहा है।
उधर महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को बताया कि राज्य में कोविड के 79 नए मामले सामने आए, जबकि मुंबई में जनवरी से मई 2025 तक कुल 379 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 373 केस अकेले मई महीने में आए, जो संक्रमण की रफ्तार को दर्शाता है। अब तक राज्य में 9592 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर तक पहुंचा संक्रमण, मेडिकल छात्र पॉजिटिव
जम्मू-कश्मीर में भी कोविड-19 की एंट्री हो गई है, जहां गुरुवार को दो नए मामले सामने आए। दोनों मरीज केरल के निवासी हैं और श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे छात्र हैं। इससे संकेत मिलता है कि कोरोना अब राज्य दर राज्य फिर से पांव पसार रहा है।
ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने जानकारी दी कि देश में चार नए कोविड वैरिएंट – LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 की पहचान हुई है, जो दक्षिण और पश्चिम भारत में सीक्वेंसिंग के दौरान मिले हैं। इनमें से कुछ वैरिएंट चीन और एशिया के अन्य देशों में भी तेजी से फैल रहे हैं। हालांकि अभी WHO ने इन्हें चिंताजनक नहीं माना है, लेकिन इन्हें “निगरानी में रखे गए वैरिएंट” के रूप में चिह्नित किया है।
विशेष रूप से NB.1.8.1 वैरिएंट में A435S, V445H, और T478I जैसे म्यूटेशन पाए गए हैं जो इसे अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक बनाते हैं। इन पर पहले से मौजूद इम्यूनिटी का असर भी कम हो जाता है, जिससे यह ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकता है।
JN.1 वैरिएंट बना मुख्य चिंता, कमजोर करता है इम्यूनिटी
भारत में इस समय सबसे अधिक JN.1 वैरिएंट ही देखने को मिल रहा है, जो कुल सैंपल में आधे से ज्यादा मामलों में पाया गया है। इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20%) वैरिएंट्स हैं। JN.1 को दिसंबर 2023 में WHO ने ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। इसमें करीब 30 म्यूटेशन हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देते हैं।
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, JN.1 की ट्रांसमिशन रेट बेहद तेज है, लेकिन यह अधिक गंभीर बीमारी नहीं पैदा करता। इसके लक्षण कई दिनों से लेकर हफ्तों तक बने रह सकते हैं, और कुछ मामलों में लॉन्ग कोविड की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है – यानी मरीज में संक्रमण खत्म होने के बाद भी थकान, सांस की तकलीफ, सिरदर्द जैसे लक्षण बने रह सकते हैं।
तो क्या फिर से लॉकडाउन जैसे हालात?
फिलहाल ऐसा नहीं है। सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है। खासतौर पर बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, बच्चों और पहले से बीमार लोग खुद को ज्यादा सुरक्षित रखें। टेस्टिंग बढ़ाई जा रही है और वैरिएंट्स की जीनोमिक सीक्वेंसिंग लगातार जारी है।
क्या करें आम लोग?
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भीड़-भाड़ से बचें
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मास्क पहनें, खासकर सार्वजनिक स्थानों पर
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हाथों की सफाई करते रहें
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हल्का बुखार, गले में खराश, थकान हो तो टेस्ट जरूर कराएं
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कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग विशेष सतर्कता बरतें