जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
लगातार चुनावी शिकस्त, संगठन में गहरी निष्क्रियता और कार्यकर्ताओं के टूटते मनोबल से जूझ रही कांग्रेस पार्टी अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच गई है। अहमदाबाद अधिवेशन के बाद कांग्रेस हाईकमान ने मध्य प्रदेश कांग्रेस को सख्त निर्देश दिए हैं—अब न केवल संगठन को दोबारा खड़ा करना है, बल्कि कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकनी है। इसके लिए पार्टी ने “कैडर ट्रेनिंग प्रोग्राम” और 40 दिनों का विशाल “संविधान बचाओ अभियान” छेड़ने का फैसला लिया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने हर जिले के अध्यक्षों को विशेष प्रशिक्षण देने की गाइडलाइन जारी कर दी है, जिसे वर्चुअल और प्रत्यक्ष दोनों तरीकों से संचालित किया जाएगा।
इसी कड़ी में आपको बता दें, 28 अप्रैल को ग्वालियर से इस महाअभियान का शंखनाद होने जा रहा है। ग्वालियर में वीरांगना लक्ष्मीबाई समाधि के सामने विशाल “संविधान बचाओ रैली” का आयोजन किया जाएगा, जहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और सांसद अशोक सिंह समेत कांग्रेस के दिग्गज नेता एकजुट होंगे। इसी रैली से पूरे प्रदेश में जनजागरण अभियान की चिंगारी फैलाई जाएगी। इसके बाद 3 मई से 10 मई तक मध्य प्रदेश के हर जिले में रैलियों का आयोजन होगा, जहां केंद्र और राज्य सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आम जनता की पीड़ा को सामने लाया जाएगा। इसके बाद 11 मई से 17 मई तक 230 विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभा स्तरीय रैलियां आयोजित होंगी, जिनमें बूथ लेवल से लेकर वरिष्ठ नेताओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस रैली में करीब 7 हजार लोगों के जुटने की संभावना है। मैदान में पांच हजार लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई गई हैं, जबकि करीब दो हजार लोग खड़े रहकर इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। भीषण गर्मी को देखते हुए मैदान को पूरी तरह एयरकूल्ड बनाया गया है। 40 से अधिक बड़े कूलर और पीने के लिए ठंडे पानी की विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे यह साफ है कि कांग्रेस इस रैली को किसी भी हालत में ऐतिहासिक बनाना चाहती है।
चौंकाने वाली बात यह है कि ग्वालियर की यह रैली केवल प्रदेश तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि देशव्यापी लहर की शुरुआत बनेगी। कांग्रेस ने फैसला किया है कि 25 से 30 अप्रैल के बीच पूरे देश में “संविधान बचाओ रैलियां” आयोजित की जाएंगी। आज ग्वालियर से इस महाअभियान की औपचारिक शुरुआत हो रही है। इसके बाद पूरे मध्यप्रदेश में चरणबद्ध तरीके से जिला और विधानसभा स्तर पर भी रैलियां आयोजित होंगी।
3 मई से 10 मई के बीच सभी जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता महंगाई, बेरोजगारी, कृषि संकट और सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे। इसके बाद 11 मई से 17 मई के बीच 230 विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभा स्तरीय रैलियां होंगी, जहां आम जनता को संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग और अधिकारों के हनन के खिलाफ जागरूक किया जाएगा। यही नहीं, 20 मई से 30 मई तक कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से सीधा संवाद करेंगे। महंगाई, बेरोजगारी और संविधान पर मंडरा रहे खतरे जैसे मुद्दे इस संपर्क अभियान के केंद्र में रहेंगे। साथ ही अभियान से जुड़ा प्रचार साहित्य वितरित किया जाएगा और सोशल मीडिया के जरिए भी जनमत को संगठित करने की बड़ी रणनीति पर काम किया जाएगा।