जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का सबसे बड़ा ऑपरेशन! जैश-ए-मोहम्मद के टॉप कमांडर समेत दर्जनों ढेर, कई मुठभेड़ें और शहीदों की कुर्बानी का सिलसिला!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़, कठुआ, अखनूर और उधमपुर जैसे इलाकों में इस समय आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का एक बड़ा अभियान जारी है। रविवार को किश्तवाड़ जिले के डाचन क्षेत्र में सुरक्षाबलों और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकियों के बीच ज़बरदस्त मुठभेड़ शुरू हुई। शुरुआती जानकारी के अनुसार इलाके में भारी संख्या में आतंकी छिपे होने की आशंका है, जिसे देखते हुए पूरे क्षेत्र को घेर लिया गया है। ऑपरेशन अभी भी जारी है और हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं।

यह ताज़ा मुठभेड़ उस लंबे सिलसिले का हिस्सा है जो पिछले तीन महीनों से जम्मू-कश्मीर में देखने को मिल रहा है। 26 जून को उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में एक आतंकी मारा गया था। इससे पहले 23 अप्रैल को बारामूला के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ की कोशिश नाकाम करते हुए सेना ने 2 आतंकियों को ढेर कर दिया था।

12 अप्रैल को अखनूर के केरी बट्टल क्षेत्र में एनकाउंटर के दौरान 9 पंजाब रेजिमेंट के जांबाज़ JCO कुलदीप चंद शहीद हो गए थे। यही नहीं, 11 अप्रैल को किश्तवाड़ के घने जंगलों में सुरक्षाबलों ने जैश के 3 आतंकियों को मार गिराया था, जिनमें उनका टॉप कमांडर सैफुल्लाह भी शामिल था — जो वर्षों से भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त था।

एक के बाद एक आतंकी हमलों और घुसपैठ की घटनाएं, और फिर उनका मुंहतोड़ जवाब देने वाली भारतीय सेना और पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब घाटी में आतंकियों की खैर नहीं।

सिर्फ अप्रैल में ही कई मोर्चों पर आतंकी घुसपैठ की साज़िश नाकाम की गई। 4 और 5 अप्रैल की रात जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में BSF ने एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को मार गिराया। वहीं, 1 अप्रैल को पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में 4-5 घुसपैठियों को सेना ने ढेर किया।

कठुआ बना आतंकियों का नया निशाना!

मार्च 2025 में कठुआ जिले में तीन बड़े एनकाउंटर हुए। 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर घेराबंदी की गई थी, लेकिन आतंकी भाग निकले। 28 मार्च को फिर से मुठभेड़ हुई, जिसमें 2 आतंकी मारे गए, लेकिन स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के 4 बहादुर जवान — तारिक अहमद, जसवंत सिंह, जगबीर सिंह और बलविंदर सिंह — शहीद हो गए। DSP धीरज सिंह और तीन अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हुए।

31 मार्च को पंजतीर्थी मंदिर के पास तीसरी मुठभेड़ हुई, लेकिन अभी तक इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

बंधक बनाकर भागे आतंकी, बच्ची ने बताई सच्चाई

सबसे चौंकाने वाला मामला 23 मार्च को सामने आया, जब आतंकियों ने एक मासूम बच्ची और उसके माता-पिता को बंधक बना लिया था। मौका मिलते ही ये तीनों उनकी गिरफ्त से भाग निकले। बच्ची ने ही पुलिस को आतंकियों के छिपने की सूचना दी, जिससे आगे की कार्रवाई संभव हो सकी। महिला ने बताया कि आतंकी दाढ़ी वाले और कमांडो जैसी वर्दी में थे।

इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि घाटी में जैश-ए-मोहम्मद और उसके जैसे संगठनों की गतिविधियां फिर से बढ़ रही हैं, लेकिन भारतीय सुरक्षाबल पूरी मुस्तैदी से मोर्चा संभाले हुए हैं। जवानों की शहादत ने देश को झकझोर दिया है, लेकिन साथ ही ये संदेश भी दिया है — जब तक एक भी आतंकी ज़िंदा है, ऑपरेशन जारी रहेगा।

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