जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
रीवा जिले के मनगवां में आयोजित महिला स्व-सहायता समूह सशक्तिकरण सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक ओर जहां महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई बड़े ऐलान किए, वहीं क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से भी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में शामिल होकर रीवा की मातृशक्ति को सम्मानित करते हुए कहा कि “बहनों के चेहरे पर आत्मनिर्भरता की मुस्कान देखना मेरा सपना है, और यह सरकार पूरी प्रतिबद्धता से इस दिशा में काम कर रही है।” उन्होंने आश्वासन दिया कि लाड़ली बहना योजना सतत रूप से जारी रहेगी और रक्षाबंधन पर बहनों को विशेष अतिरिक्त राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही योजना की मासिक राशि को आगामी 3 वर्षों में 3,000 रुपये तक बढ़ाने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने महिलाओं के संपत्ति अधिकार को मजबूती देने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि पंजीयन शुल्क में दी गई 2% की छूट के चलते पिछले एक साल में 70% संपत्तियाँ महिलाओं के नाम पर दर्ज हुई हैं, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूहों को उद्योग स्थापना हेतु छूट देने की भी बात कही।
सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने लगभग 49.97 करोड़ रुपये की लागत के निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन रिमोट के माध्यम से किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मनगवां, गंगेव और अन्य क्षेत्रों के लिए स्टेडियम निर्माण, देवास हाईस्कूल के हायर सेकेंडरी स्कूल में उन्नयन, तथा मनगवां तिवनी मोड़ से प्रयागराज रोड तक 5.5 किमी लंबी टू लेन सीसी रोड (16.5 करोड़ की लागत से) के निर्माण की घोषणा की।
उन्होंने कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने की प्रतिबद्धता जताते हुए बताया कि किसानों को 5 रुपये में सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन मिलेगा। आगामी 3 वर्षों में 32 लाख किसानों को सोलर पंप देकर उन्हें बिजली बिल से मुक्ति दिलाई जाएगी। इसके अलावा, सरकार किसानों से अतिरिक्त बिजली खरीदकर उन्हें आर्थिक लाभ भी पहुंचाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा से अपने गहरे जुड़ाव का उल्लेख करते हुए कहा कि “रीवा की धरती से मेरा दोहरा और मीठा रिश्ता है — यहाँ का सफेद बाघ और सुंदरजा आम दोनों ही विश्व प्रसिद्ध हैं।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि रीवा में आईटी पार्क की स्थापना की जा रही है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार और नवाचार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश तेजी से प्रगति कर रहा है। वर्ष 2003 में जहां केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे, आज उनकी संख्या 27 तक पहुँच चुकी है और जल्द ही 3 और नए कॉलेज प्रारंभ होने वाले हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय 11,000 रुपये से बढ़कर अब 1.52 लाख रुपये तक पहुंच गई है, जो विकास का स्पष्ट संकेत है।
गौपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत में 9% दूध का उत्पादन मध्यप्रदेश करता है, जिसे बढ़ाकर 20% तक ले जाने का लक्ष्य है। इसके लिए गौपालकों को अनुदान, दूध की सरकारी खरीदी, और संचालित योजनाओं का सशक्त क्रियान्वयन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह संकल्प भी दोहराया कि मध्यप्रदेश को ‘दूध की राजधानी’ बनाया जाएगा।
सैन्य सम्मान की भावना को प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में की गई “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए कहा कि “अब जो भारत की ओर आँख उठाकर देखेगा, उसे करारा जवाब दिया जाएगा।”
इस भव्य सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, सांसद जनार्दन मिश्रा, विधायक इंजीनियर नरेंद्र प्रजापति, विधायक नागेन्द्र सिंह, विधायक सिद्धार्थ तिवारी सहित बड़ी संख्या में महिलाएं और आमजन उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर गंगेव स्टेडियम परिसर में पौधरोपण किया और सभी को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उन्होंने बरैया तालाब किनारे स्थित प्राचीन बम्बा देवी और काली माता मंदिर में पूजा-अर्चना कर आध्यात्मिक ऊर्जा का आह्वान भी किया।