नौतपा में बिगड़ा तापमान का बैलेंस, भोपाल समेत 21 जिलों में मौसम का रेड अलर्ट; 3 जून तक रहेगी यही स्थिति!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में नौतपा के सातवें दिन भी मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। शनिवार को भी तेज आंधी और मूसलाधार बारिश की आशंका के चलते मौसम विभाग ने राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के 21 जिलों में यलो अलर्ट जारी कर दिया है। चौंकाने वाली बात ये है कि जिस दिन प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा है, उसी दिन राजधानी भोपाल भी बारिश और तेज हवाओं के खतरे की जद में है। मौसम के इस बदलते तेवर को देखते हुए मोदी के कार्यक्रम स्थल पर खास इंतज़ाम किए गए हैं। पंडाल के चारों ओर सीवेज सिस्टम तैयार किया गया है ताकि बारिश का पानी कार्यक्रम स्थल में न घुसे।

शनिवार को जिन जिलों में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है उनमें भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन, मुरैना, भिंड, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, मैहर, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली जैसे जिले शामिल हैं। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन का कहना है कि 3 जून तक प्रदेश में इसी तरह का अस्थिर और बारिश भरा मौसम बना रहेगा। हालांकि, दिन और रात के तापमान में 3 से 4 डिग्री की बढ़त संभव है, लेकिन कहीं भी हीट वेव का अलर्ट नहीं है। वहीं, मौसम विशेषज्ञ मान रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापमान के असर से यह असमान्य पैटर्न देखने को मिल रहा है। जहां मई-जून की तपती गर्मी में आमतौर पर लू और सूखा देखने को मिलता है, वहीं इस बार आंधी-बारिश और ओलों ने प्रदेश के गर्मी के रिकॉर्ड को पूरी तरह से उलट दिया है।

बता दें, शुक्रवार को गुना, खजुराहो, रीवा, अशोकनगर, रायसेन जैसे कई जिलों में तेज बारिश और आंधी ने नौतपा की गर्मी को पूरी तरह से धो डाला। खजुराहो में आधे इंच से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि रायसेन में सड़कों पर पानी भर गया। राजधानी भोपाल में दिनभर घने बादल छाए रहे। ग्वालियर सबसे गर्म रहा, जहां तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसके अलावा रीवा में 40.6, टीकमगढ़ में 40.5 और सतना-सीधी में 40.4 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। पचमढ़ी, जो कि राज्य का इकलौता हिल स्टेशन है, वहां तापमान गिरकर 28.2 डिग्री रह गया।

गौर करने वाली बात यह है कि अप्रैल माह में भी ऐसा ही असामान्य मौसम बना रहा। पहले सप्ताह में पश्चिमी गर्म हवाओं ने तापमान को 44 डिग्री तक पहुंचाया। दूसरे सप्ताह में प्रदेश के 80 प्रतिशत हिस्सों में तेज आंधी, बारिश और ओले गिरे। तीसरे सप्ताह में तापमान 40 से 44 डिग्री के बीच बना रहा और कुछ जिलों में लू चली। लेकिन जैसे ही चौथा सप्ताह शुरू हुआ, 25 अप्रैल के बाद मौसम पूरी तरह पलट गया। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, टर्फ लाइन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के सक्रिय होने से आंधी-बारिश का कहर जारी है। अब देखना होगा कि आने वाले जून महीने में मानसून का आगमन कब और कैसे होता है, और यह बदला हुआ मौसम प्रदेश की खेती, जनजीवन और राजनीति पर कितना असर डालेगा।

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