जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बालाघाट जिले के लांजी में आयोजित क्रम पूर्व पदोन्नति अलंकरण समारोह में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में वर्ष 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया गया है। मध्यप्रदेश सरकार भी इस अभियान में केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बालाघाट जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस बल की बहादुरी, त्याग और सतर्कता ने जिस तरह नक्सली नेटवर्क को कमजोर किया है, वह सराहनीय है।
इसी क्रम में बालाघाट जिले में नक्सल मुठभेड़ों में अद्वितीय योगदान देने वाले हॉक फोर्स, विशेष सशस्त्र बल और पुलिस बल के 64 अधिकारी-कर्मचारियों को क्रम पूर्व पदोन्नति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने उन्हें मंच पर बैज लगाकर पदोन्नत किया और इस क्षण को पुलिस इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय ना केवल पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में और अधिक प्रभावी कार्रवाई के लिए उन्हें प्रेरित करेगा।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि एक समय था जब बालाघाट देश के सबसे अधिक नक्सल प्रभावित 12 जिलों में शामिल था, लेकिन आज केंद्र सरकार ने बालाघाट को गंभीर समस्या वाले जिलों की सूची से बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार की मंशा, प्रशासन की कार्य योजना और पुलिस बल के निरंतर संघर्ष का परिणाम है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार नक्सलियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि बालाघाट की धरती से यह सीधा संदेश दिया जा रहा है— “सरेंडर करो, नहीं तो मारे जाओगे।” उन्होंने कहा कि अब प्रदेश की धरती पर नक्सलियों का खूनी खेल नहीं चलेगा।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान 37 वीर पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि भी दी, जिन्होंने नक्सल विरोधी अभियान में सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि मृत्यु तो सभी को आती है, लेकिन बलिदान वही महान होता है जिस पर देश, प्रदेश और समाज को गर्व हो।
इस समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने 169 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 93 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें प्रदेश के 51वें आयुर्वेदिक कॉलेज की आधारशिला भी शामिल है। उन्होंने कहा कि बालाघाट खनिज, जल और जैव विविधता से समृद्ध जिला है। यहां के चिन्नौर चावल को जीआई टैग मिलना गर्व की बात है और यह दर्शाता है कि नक्सल उन्मूलन के साथ-साथ विकास भी तेज़ गति से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि बालाघाट में देश की पहली सड़क पीएम जनमन अभियान के तहत बन रही है, जिसकी लंबाई 23 किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि बेघरों को घर, किसानों को सोलर पंप, दूध उत्पादकों को सीधा लाभ और युवाओं को गांव में रोजगार देने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है।
इस मौके पर उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने गौशालाओं के लिए प्रति गाय अनुदान को 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए कर दिया है, साथ ही कामधेनु योजना के अंतर्गत किसान अब दूध उत्पादन से भी अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकेंगे। सरकार दूध खरीदेगी और किसानों को प्रतिदिन भुगतान किया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 26 मई को नरसिंहपुर में कृषि मेला का आयोजन होगा, जहां किसानों को आधुनिक खेती, फूड प्रोसेसिंग और बाजार से जुड़ी कई जानकारियां दी जाएंगी।
इस भव्य समारोह में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, सांसद भारती पारधी, विधायक राजकुमार कर्राहे, विक्की पटेल, गौरव पारधी, पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस मौके पर पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने कहा कि बालाघाट में 1990 से नक्सल समस्या थी, लेकिन अब यह खत्म होने की कगार पर है। पिछले दिनों चार महिला नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया, जिन पर कुल मिलाकर 1 करोड़ रुपए से अधिक का इनाम घोषित था। जिले में नए पुलिस कैंप स्थापित किए जा रहे हैं और विशेष निगरानी तंत्र भी लगाया गया है।
इस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 300 साल पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी का लोकार्पण भी किया, जिसे जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत श्रमदान और जनसहयोग से पुनर्निर्मित किया गया है। यह बावड़ी 17वीं से 18वीं शताब्दी के बीच गोंड शासक श्री हट्टेसिंह वल्के द्वारा बनवाई गई थी, जो अब फिर से धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए सशक्त केंद्र बनेगी।