जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश इन दिनों मौसम के अनोखे और असामान्य रूप का गवाह बन रहा है। लगातार 42वें दिन यानी शुक्रवार को भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तेज आंधी और बारिश की चेतावनी जारी की गई है। 26 अप्रैल से शुरू हुआ यह सिलसिला अब तक थमा नहीं है। आमतौर पर मई-जून का महीना लू और तपिश के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार प्रदेश ने गर्मी से ज्यादा बादलों और बिजली की गड़गड़ाहट को महसूस किया है।
मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए 45 जिलों में अलर्ट जारी किया है। इनमें भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, शिवपुरी, रायसेन, बैतूल, रतलाम, मंदसौर, धार, खंडवा, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं। चेतावनी में कहा गया है कि इन क्षेत्रों में 30 से 40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और साथ ही गर्जना के साथ बारिश होने की प्रबल संभावना है। इस बदले हुए मौसम का सिलसिला अब 9 जून तक जारी रह सकता है।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि वर्तमान मौसम की यह स्थिति दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) की सक्रियता के कारण बनी हुई है। इन सिस्टम्स की वजह से प्रदेश के वातावरण में नमी बनी हुई है, जिससे हर दिन कहीं न कहीं आंधी और वर्षा हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, मई की पूरी अवधि में साइक्लोनिक सर्कुलेशन, ट्रफ लाइन और वेस्टर्न डिस्टरबेंस बार-बार सक्रिय होते रहे। यह एक असाधारण परिस्थिति थी, जहां बार-बार एक के बाद एक सिस्टम बने और वातावरण में लगातार हलचल बनी रही। यही कारण रहा कि भीषण गर्मी की जगह लगातार बादल, बिजली और बारिश ने डेरा डाले रखा।
गुरुवार को रायसेन, उज्जैन और धार जैसे जिलों में जोरदार बारिश दर्ज की गई। रायसेन में तो लगातार 9 घंटे तक बारिश होती रही, जिससे शहर में करीब एक इंच पानी गिरा। इस बारिश ने दिन के तापमान को भी नीचे धकेल दिया। रायसेन में तापमान गिरकर 31.8°C पर आ गया, जबकि भोपाल में 36.4°C, इंदौर में 35.7°C, उज्जैन में 37°C और जबलपुर में 38.2°C दर्ज किया गया।
इस बार की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भीषण गर्मी के महीनों में लू नहीं चली, बल्कि लगातार मौसम बिगड़ता रहा। 26 अप्रैल से 5 जून तक 41 दिन में कोई भी ऐसा दिन नहीं गया जब प्रदेश में बारिश या आंधी न हुई हो। यह स्थिति न सिर्फ सामान्य मौसम चक्र से हटकर है, बल्कि यह बताती है कि किस तरह प्राकृतिक मौसम चक्र में बदलाव हो रहा है।
दूसरी ओर, मानसून को लेकर अब तक प्रदेशवासियों को इंतज़ार है। मौसम विभाग के अनुसार, मानसून महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र में ही अटका हुआ है और 10 जून के बाद ही मध्यप्रदेश में प्रवेश कर सकता है। जब तक मानसून प्रदेश में नहीं आता, तब तक यही अस्थिर और आंधी-बारिश वाला मौसम बना रहेगा।