जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी को हुई भगदड़ ने देश को हिला कर रख दिया। महाकुंभ के दौरान बढ़ती भीड़ को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं, लेकिन इस भयावह घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। इस दुर्घटना में 18 लोगों की जान चली गई, जिनमें 11 महिलाएं और 5 बच्चे शामिल थे, और 25 लोग घायल हो गए।
इस घटना का कारण तब सामने आया जब एक ही प्लेटफार्म पर तीन प्रमुख ट्रेनों का जमावड़ा हुआ और अचानक एक ट्रेन के आने की घोषणा ने भगदड़ मचा दी। यात्री बिना टिकट भागने लगे, और कुछ यात्री सीढ़ियों पर फिसलकर गिर गए, जिसके बाद हादसा और बढ़ गया।
घटना के वक्त प्लेटफॉर्म 14 पर तीन प्रमुख ट्रेनों की भीड़ थी, जब अचानक एक अन्य ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा की गई। जैसे ही यात्रियों ने यह सुना, वे प्लेटफॉर्म की ओर भागे और भगदड़ मच गई। टिकट काउंटर पर भीड़ और अनियंत्रित आवाजाही ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। इसके अतिरिक्त, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की तैनाती में भी असंतुलन था, जिससे स्थिति को संभालने में काफी कठिनाई हुई।
रेलवे ने घटना के बाद की जांच में यह खुलासा किया कि घटना से दो घंटे पहले एक घंटे में 2600 जनरल टिकट बेचे गए थे, जबकि सामान्य तौर पर एक दिन में 7,000 टिकट बिकते थे। इस दिन कुल 9600 टिकट बेचे गए थे, जिससे स्टेशन पर अव्यवस्था और बढ़ गई थी। यह भी सामने आया कि यात्री प्लेटफॉर्म की सीढ़ियों पर फिसलकर गिर गए, जिससे और अधिक लोग घायल हो गए। जिसके बाद अब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) और दिल्ली पुलिस की तैनाती की गई है।
वहीं, केंद्र सरकार ने इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। सूत्रों के मुताबिक रेलवे ने भविष्य में पीक सीजन में भगदड़ जैसी घटनाओं से बचने के लिए देश के 60 बड़े स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया बनाने की योजना बनाई है। इसके अलावा रेलवे ने 26 फरवरी तक शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक काउंटर से प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री बंद कर दी है। साथ ही नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) और दिल्ली पुलिस की तैनाती की गई है।