ओंकारेश्वर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आध्यात्मिक प्रवास: माँ नर्मदा के पावन तट पर “अमृतस्य माँ नर्मदा पद परिक्रमा” में मुख्यमंत्री की सहभागिता, कहा – ओंकारेश्वर में बनेगा भव्य ज्योतिर्लिंग मंदिर, महाकाल लोक की तर्ज पर होगा विकास

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

ओंकारेश्वर की पावन धरती पर रविवार को आस्था और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ब्रह्मपुरी घाट पर आयोजित अमृतस्य मां नर्मदा पद परिक्रमा कार्यक्रम में शामिल होकर माँ नर्मदा की पूजा-अर्चना की। उन्होंने “अमृतस्य माँ नर्मदा पद परिक्रमा” कार्यक्रम में अपने परिवार के साथ भाग लेकर जीवनदायिनी माँ नर्मदा का आशीर्वाद लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। इस दिव्य आयोजन में मुख्यमंत्री ने माँ नर्मदा के चरणों में जलाभिषेक कर प्रदेश की समृद्धि, विकास और कल्याण के लिए प्रार्थना की।

बता दें, मुख्यमंत्री डॉ. यादव पैदल पुल से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने पहुंचे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग ट्रस्ट के ट्रस्टी राव देवेंद्र सिंह चौहान सहित अन्य ट्रस्टी ने ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति प्रतीक चिन्ह स्वरूप भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कन्याओं एवं बटुकों को फल की टोकरी भेंट की। साथ ही उनके साथ बैठकर भोजन भी किया।

इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मान्धाता पर्वत पर स्थित आचार्य शंकराचार्य की 108 फीट ऊँची बहुधातु की प्रतिमा के दर्शन के लिए एकात्म धाम पहुँचे। उनके आगमन पर बटुकों ने मंत्रोच्चार के साथ उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने आचार्य शंकराचार्य की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें प्रणाम किया। इसके बाद, उन्होंने एकात्म धाम ओंकारेश्वर में बनने वाले शिव पंचायतन मंदिर के निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने एकात्म धाम के चरणबद्ध विकास पर आधारित प्रेजेंटेशन भी देखा। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी वानखेड़े, महापौर अमृता यादव, संभागायुक्त दीपक सिंह, आईजी अनुराग कुमार, कलेक्टर ऋषव गुप्ता, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पावन अवसर पर प्रदेश के विकास और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने का संकल्प लेते हुए घोषणा की कि ओंकारेश्वर में भव्य ज्योतिर्लिंग मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जो सनातन संस्कृति और श्रद्धा का प्रतीक होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मार्च माह के बाद चिन्हित तीर्थ स्थलों पर शराब की दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया जाएगा। यह कदम तीर्थ स्थलों की पवित्रता को बनाए रखने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओंकारेश्वर धाम को महाकाल लोक की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जिससे यह स्थल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा, “धार्मिक आस्था और पर्यटन के साथ प्रदेश के विकास की यात्रा को नई दिशा दी जाएगी।”

मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण और स्वच्छता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “माँ नर्मदा केवल नदी नहीं, बल्कि जीवनदायिनी शक्ति हैं। जिस प्रकार मानव शरीर में रक्त धमनियों में प्रवाहित होता है, उसी प्रकार धरती पर नदियाँ बहती हैं। इनकी शुद्धता और संरक्षण हम सबका परम कर्तव्य है।”

उन्होंने संकल्प लिया कि माँ नर्मदा परिक्रमा मार्ग को उसके मूल स्वरूप में पुनः स्थापित किया जाएगा। परिक्रमा यात्रियों की सुविधा के लिए आधुनिक सुविधाएं जैसे विश्राम स्थल, साइन बोर्ड, पेयजल व्यवस्था और स्वच्छता अभियान को सुदृढ़ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा करते हुए कहा कि रासायनिक खेती से उत्पन्न बीमारियों से बचने के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गौ-पालन और जैविक कृषि को जनआंदोलन का रूप दिया जाएगा, जिससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि स्वस्थ समाज का निर्माण भी होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस मौके पर जनजातीय त्यौहारों को शासकीय स्तर पर मनाने की भी घोषणा की, जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जा सके।

इस भव्य आयोजन में श्रद्धेय गुरुदेव विवेक, महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत कैलाश भारती, जोड़ गणपति हनुमान मंदिर के महंत मंगलदास त्यागी, और मार्कण्डेय संन्यास आश्रम के महंत प्रणवानंद सरस्वती सहित अनेक संत-महात्माओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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