जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर की सांस्कृतिक धरा सोमवार की रात संगीत की मिठास से सराबोर हो गई। मौका था — राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान 2025 का, जहां मंच पर मौजूद थे देश के लोकप्रिय पार्श्व गायक सोनू निगम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उन्हें यह सम्मान देकर गौरवान्वित किया।
लता मंगेशकर की परंपरा को नमन
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत रत्न लता मंगेशकर सिर्फ एक गायिका नहीं थीं, बल्कि भारतीय संगीत की आत्मा थीं। उनके नाम पर दिया जाने वाला यह सम्मान हर कलाकार के लिए गर्व का विषय है। सोनू निगम का सम्मानित होना हमारे लिए बेहद गौरव की बात है।
उन्होंने सोनू निगम की मौजूदगी को बेहद खास बताते हुए कहा — “ऐसा लग रहा है जैसे अमावस की रात में पूनम का चांद निकल आया हो।”
सम्मान पाकर सोनू निगम भी भावुक हो उठे। उन्होंने कहा कि “लता जी हमारे लिए सिर्फ प्रेरणा नहीं, बल्कि संगीत की जीवंत परंपरा हैं। यह सम्मान मेरे जीवन के सबसे खास पलों में से एक है।” उन्होंने याद किया कि लगभग 30 साल पहले वे इंदौर में लता मंगेशकर अलंकरण समारोह में प्रस्तुति देने आए थे, और आज उसी मंच पर सम्मानित होना उनके लिए बहुत गर्व की बात है।
सम्मान समारोह के बाद संगीत संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें लोकप्रिय गायक अंकित तिवारी और उनके दल ने एक से बढ़कर एक गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हर प्रस्तुति पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही और दर्शक भाव-विभोर हो उठे।
लता मंगेशकर की स्मृति को समर्पण
समारोह की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा स्वर कोकिला लता मंगेशकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। उन्होंने लता जी के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी ‘लतिका’ का अवलोकन भी किया।
इस मौके पर मंच पर कई गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे। इनमें नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक महेंद्र हार्डिया, उषा ठाकुर, मालिनी गौड़ और बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी शामिल रहे।