जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
दिल्ली और बेंगलुरु की राजनीतिक सरगर्मियों के बीच वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जहां भाजपा और चुनाव आयोग (EC) पर मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ने और चुनाव परिणाम प्रभावित करने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए गांधी परिवार पर गंभीर चुनावी अनियमितताओं का दावा किया है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने बुधवार को आरोप लगाया कि सोनिया गांधी का नाम भारत की वोटर लिस्ट में दो बार तब शामिल हुआ, जब वे भारतीय नागरिक भी नहीं थीं।
मालवीय के अनुसार, 1980 में नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की संशोधित मतदाता सूची में सोनिया गांधी का नाम पोलिंग स्टेशन 145 पर क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया था। उस समय वे इटली की नागरिक थीं और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक आवास 1, सफदरजंग रोड पर रहती थीं। 1982 में विरोध के बाद उनका नाम सूची से हटा दिया गया, लेकिन 1983 में फिर से पोलिंग स्टेशन 140 पर क्रम संख्या 236 पर जोड़ा गया—जबकि उस वर्ष की योग्यता तिथि 1 जनवरी थी और सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी। मालवीय का कहना है कि यह चुनावी कानून का स्पष्ट उल्लंघन और “Electoral Malpractice” का मामला है।
इसी मुद्दे पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि रायबरेली में एक ही घर के पते पर 47 वोटर पंजीकृत हैं और मोहम्मद कैफ खान नामक व्यक्ति का नाम कई अलग-अलग बूथों में दर्ज है। ठाकुर ने सवाल उठाया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने यहां से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्होंने इन अनियमितताओं पर कभी ध्यान क्यों नहीं दिया। ठाकुर ने बंगाल के डायमंड हार्बर क्षेत्र में भी कई धर्मों के मतदाताओं के एक ही पते पर रजिस्टर्ड होने का उदाहरण दिया।
भाजपा का यह हमला ऐसे समय में आया है, जब राहुल गांधी और विपक्षी दल चुनाव आयोग पर भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए मतदाता सूची में हेरफेर करने के आरोप लगा रहे हैं। राहुल ने हाल ही में बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में ‘वोट अधिकार रैली’ के दौरान 1 घंटे 11 मिनट का 22 पेज का प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें उन्होंने कर्नाटक और महाराष्ट्र की मतदाता सूचियों में “संदिग्ध वोटरों” के सबूत पेश करने का दावा किया। उनका आरोप है कि महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें विश्वास हो गया कि “चुनाव में चोरी” हुई है और चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर मतदाता सूची में हेरफेर की है।
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से इन दावों के समर्थन में हलफनामा देने या सार्वजनिक माफी मांगने को कहा है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि अगर राहुल को अपने आरोपों पर भरोसा है, तो उन्हें शपथपत्र देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इससे पहले, 10 अगस्त को कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी को नोटिस भेजकर 7 अगस्त के उनके बयान—जिसमें उन्होंने महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख से अधिक वोट चोरी और एक महिला द्वारा दो बार मतदान का दावा किया था—के समर्थन में सबूत पेश करने को कहा था। चुनाव आयोग का कहना है कि राहुल के प्रेजेंटेशन में दिखाई गई सूचनाएं उनके आधिकारिक रिकॉर्ड से मेल नहीं खातीं।