पीथमपुर में बिगड़े हालात: जहरीले कचरे के खिलाफ आत्मदाह की कोशिश, दो झुलसे; पीथमपुर बंद को मिल रहा रहवासियों का पूरा समर्थन …

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भोपाल से 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड के 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को पीथमपुर भेजे जाने के बाद से इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। कचरे को जलाने का विरोध करते हुए पीथमपुर में स्थिति बहुत बिगड़ चुकी है। बता दें, मामला इतना गरमा गया है कि दो लोगों ने आत्मदाह करने का प्रयास किया, जिनकी हालत गंभीर होने के चलते उन्हें चोइथराम अस्पताल में भर्ती किया गया है।

दरअसल, पीथमपुर में कचरा जलाने के खिलाफ स्थानीय लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, विरोध प्रदर्शन के दौरान, राजकुमार रघुवंशी ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की, और पास में खड़ा राजू पटेल भी आग की चपेट में आ गया। दोनों को तुरंत इंदौर स्थित चोइथराम अस्पताल के बर्न यूनिट आईसीयू में भर्ती किया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इसके बाद, आंदोलनकारी रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया।

बता दें, कचरे के आने के बाद से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की सांसें फूली हुई हैं, लेकिन उनकी समझाइश का जनता पर कोई असर नहीं हो रहा। पूरे इलाके में हर संगठन और संस्था एकजुट होकर इस जहरीले कचरे के निपटारे का विरोध कर रही है। कचरे के निपटारे के खिलाफ जन आंदोलन तेजी से बढ़ रहा है, और स्थानीय लोग इसके खिलाफ सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज उठा रहे हैं।

गुरुवार को पीथमपुर बचाओ समिति ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक बड़ा प्रदर्शन किया। आज शुक्रवार को हाराणा प्रताप बस स्टैंड पर कई संगठनों ने कचरा जलाने के खिलाफ धरना जारी रखा है। पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य भी दिल्ली से लौटकर प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। इस धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। इस विरोध को सभी राजनीतिक दलों के नेता समर्थन दे रहे हैं। पीथमपुर के हर गली-मोहल्ले और सड़कों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ आई है साथ ही पीथमपुर बंद को भी रहवासियों का पूरा साथ मिला है। हर जगह बंद का असर नजर आ रहा है।

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