जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत के लिए गौरव का क्षण लेकर एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला रविवार सुबह अमेरिका से स्वदेश लौट आए। दिल्ली एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उनका स्वागत किया। इस दौरान उनके पिता शंभु दयाल शुक्ला भी साथ मौजूद रहे। शुभांशु आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं और इसके बाद बेंगलुरु जाएंगे, जहां 23 अगस्त को इसरो द्वारा आयोजित इंटरनेशनल स्पेस-डे सेलिब्रेशन में शामिल होंगे। 25 अगस्त को वे अपने गृहनगर लखनऊ पहुंचेंगे, जहां भव्य स्वागत की तैयारियां चल रही हैं।
16 महीने बाद घर वापसी, मां ने जताई खुशी
शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने कहा कि बेटे के लौटने का इंतजार लंबे समय से था। उन्होंने भावुक होते हुए कहा – “दुनिया के लिए भले ही वह सेलिब्रिटी हो, लेकिन मेरे लिए आज भी वही नन्हा बेटा है। घर आने पर मैं उसे सीने से लगाकर ढेर सारा प्यार दूंगी।” शुभांशु अप्रैल 2024 में लखनऊ से बेंगलुरु ट्रेनिंग के लिए गए थे और उसके बाद अगस्त में अमेरिका रवाना हो गए थे। इस तरह लगभग 16 महीने बाद वे अपने घर लखनऊ लौटेंगे।
एक्सियम मिशन-4: ऐतिहासिक उपलब्धि
शुभांशु शुक्ला को अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बीच हुए समझौते के तहत एक्सियम मिशन-4 के लिए चुना गया था। इस मिशन के तहत 25 जून 2024 को चार एस्ट्रोनॉट्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए थे। भारतीय समयानुसार 26 जून की शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे और 18 दिन तक वहां वैज्ञानिक प्रयोगों में शामिल रहे। 15 जुलाई को वे पृथ्वी पर लौटे और कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग हुई।
इस मिशन के साथ शुभांशु अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।
लखनऊ में जोरदार स्वागत की तैयारी
शुभांशु की पढ़ाई जिस सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) से हुई है, वहां उनके स्वागत की भव्य तैयारियां की जा रही हैं। 25 अगस्त को एयरपोर्ट से लेकर सीएमएस गोमतीनगर एक्सटेंशन तक एक रैली निकाली जाएगी। इसके बाद विद्यालय परिसर में उनका सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित किया गया है।
शुभांशु का यह अनुभव भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसका लक्ष्य भारतीय गगनयात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और सुरक्षित वापस लाना है। इसे 2027 तक लॉन्च किए जाने की संभावना है। भारत में अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयात्री कहा जाता है, जैसे रूस में कॉस्मोनॉट और चीन में ताइकोनॉट कहा जाता है।
भारत लौटते समय शुभांशु ने विमान में बैठने के बाद सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा – “भारत लौटने के लिए मेरे दिल में कई तरह की भावनाएं उमड़ रही हैं। मिशन के दौरान बने दोस्तों को पीछे छोड़ना कठिन है, लेकिन परिवार और देशवासियों से मिलने की खुशी इससे कहीं ज्यादा है। जिंदगी में आगे बढ़ते रहना ही सबसे बड़ा सच है। यूं ही चला चल राही… जीवन गाड़ी है, समय पहिया।”