जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
श्योपुर का कूनो नेशनल पार्क एक बार फिर चर्चा में है, और इस बार वजह है—एक ऐसा वीडियो, जिसने वन विभाग से लेकर वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट्स तक को हिला कर रख दिया है। पार्क में नियुक्त एक प्राइवेट ड्राइवर ने वह कर डाला, जिसकी ना इजाजत थी और ना ही कल्पना—ड्राइवर ने चीतों के बिल्कुल पास जाकर उन्हें स्टील की परात में पानी पिलाया, और वह भी अंग्रेजी में ‘COME’ कहकर बुलाकर!
ये हैरान कर देने वाला दृश्य 4 अप्रैल की सुबह कूनो की अगरा रेंज का है, जहां मादा चीता ज्वाला अपने चार शावकों के साथ मानव बस्ती के पास देखी गई। वन विभाग की टीम उन्हें वापस जंगल की ओर भेजने की कोशिश कर रही थी, तभी ड्राइवर सत्यनारायण गुर्जर उर्फ सत्तू, जो ‘चीता मित्र’ के तौर पर नियुक्त था, बिल्कुल सुरक्षा नियमों को ताक पर रखकर परात और केतली लेकर पहुंच गया। उसने चीतों को न केवल नज़दीक से पानी पिलाया, बल्कि इस पूरी घटना का वीडियो भी बना डाला और उसे वायरल कर दिया।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि जैसे ही उसने ‘COME’ कहा, ज्वाला और उसके शावक सीधे पानी पीने चले आए, जैसे कोई पालतू जानवर हों। यह घटना जितनी दिलचस्प दिखती है, उतनी ही गंभीर और नियमों के विरुद्ध है। यही वजह है कि वन विभाग ने तत्काल प्रभाव से ड्राइवर सत्तू को सेवा से हटा दिया और ट्रैकिंग टीम के प्रभारी समेत अन्य सदस्यों को कारण बताओ नोटिस थमा दिया है।
पार्क प्रशासन का कहना है कि चीतों से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है, क्योंकि वन्यजीवों का मानवों से अत्यधिक घुलना-मिलना जानलेवा हो सकता है — न केवल जानवर के लिए, बल्कि इंसानों के लिए भी। इस मामले में ट्रैकिंग टीम ने इस प्रशिक्षण की खुली अवहेलना की।
इतना ही नहीं, 13 दिन पहले भी ज्वाला और उसके शावकों की एक और संवेदनशील घटना सामने आई थी, जब ये चीते पहली बार पार्क की सीमा पार कर श्यामपुर गांव के करीब पहुंच गए थे। वहां उन्होंने एक गाय पर झपट्टा मारा, जिसके बाद गुस्साए ग्रामीणों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मादा चीता गाय का गला पकड़े रही, लेकिन जैसे ही पत्थर लगे, वह शावकों के साथ पीछे हट गई।