जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के सीहोर जिले से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 25 साल बाद एक बार फिर पदयात्रा की शुरुआत की है। रविवार को उन्होंने ‘विकसित भारत संकल्प पदयात्रा’ का शुभारंभ लाड़कुई गांव से किया। इस यात्रा की खास बात यह रही कि शिवराज अपने पूरे परिवार के साथ ग्रामीणों से सीधे संवाद करते हुए पैदल यात्रा पर निकले। उनके साथ पत्नी साधना सिंह, बड़े बेटे कार्तिकेय और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ी बहू अमानत भी मौजूद थीं। गांवों की गलियों में लोगों ने उन्हें कंधों पर उठाया, ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया और परिवार समेत वे जनसैलाब के साथ थिरकते हुए नज़र आए।
शिवराज सिंह चौहान ने इस पदयात्रा के माध्यम से ‘विकसित भारत’ के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि “न दिन, न रात… पैदल चल चला शिवराज”, क्योंकि जब एक मंत्री पद छोड़ पैदल जनता के बीच आता है, तो गांव के लोग भी खुद को इस मिशन का हिस्सा मानने लगते हैं। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि सरकार के भरोसे न बैठें, गांव को विकसित करने की जिम्मेदारी हर नागरिक की है।
शिवराज ने कहा कि विकसित भारत का अर्थ केवल बड़े शहर नहीं, बल्कि विकसित गांव हैं। सफाई, जल व्यवस्था, स्कूल, महिला सशक्तिकरण, और स्वावलंबन जैसे बिंदुओं को उन्होंने प्राथमिकता बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह यात्रा सिर्फ एक राजनीतिक गतिविधि नहीं, बल्कि जनजागरण का अभियान है। वे बोले – “अगर ये यात्रा सफल हुई, तो मैं अन्य नेताओं से भी कहूंगा कि वे भी पदयात्रा करें और जनता से सीधे जुड़ें।”
लाड़कुई गांव में शिवराज सिंह ने कन्या पूजन से कार्यक्रम की शुरुआत की – यह परंपरा उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए शुरू की थी। मंच पर पहुंचते ही उन्होंने पुलिस चौकी के पास लगे पंडाल में जनता को संबोधित किया और मंच पर उपस्थित विधायक रमाकांत भार्गव, सुदेश राय व अन्य नेताओं से भी संवाद किया। शिवराज ने सीधे अफसरों से पीएम आवास, नल–जल योजना, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, और अमृत सरोवर जैसी योजनाओं की प्रगति पूछी और मंच पर मौजूद लाभार्थियों से फीडबैक लिया।
एक हितग्राही ने जब शिकायत की कि पीएम आवास योजना में मिलने वाली राशि पर्याप्त नहीं है, तो शिवराज ने उसकी बात सुनी, योजना की सीमाओं को समझाया और राशि बढ़ाने के सुझाव को गंभीरता से लेने की बात कही। एक अन्य हितग्राही ने मकान पर कब्जे की शिकायत की तो शिवराज ने जांच कराकर मदद का आश्वासन दिया।
पदयात्रा में शिवराज की बहू अमानत ने आदिवासी युवतियों के साथ पारंपरिक नृत्य किया और महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की। उन्होंने बेटी के रूप में जनसंवाद का हिस्सा बनते हुए ग्रामीण महिलाओं से भी सीधा संवाद किया।
शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी छात्रावास में बिजली, पानी, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। अधिकारियों को मंच पर बुलाकर उन्होंने ग्रामीणों से सीधे बात करवाई और समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा, “जब प्रधानमंत्री खुद झाड़ू उठाते हैं, तो हमें भी अपने गांव को साफ रखने का संकल्प लेना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि जल्द ही देशभर से 6 हजार कृषि वैज्ञानिक किसानों से सीधा संवाद करेंगे, जिनमें से तीन टीमें सीहोर में भी आएंगी। ये वैज्ञानिक गांव-गांव जाकर किसानों की समस्याएं समझेंगे और खेत की मिट्टी की जांच कर उपयुक्त खेती की सलाह देंगे।
सोमवार को भी शिवराज का सीहोर दौरा जारी रहेगा। वे जल और स्वच्छता चौपाल, युवा संसद, जल संरक्षण जैसे कार्यक्रमों में भाग लेंगे और पीएम आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों से चर्चा करेंगे। शाम 7 बजे वे भोपाल के लिए रवाना होंगे।