जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
शनिवार को गुजरात के जूनागढ़ में एक मजेदार और चौंकाने वाली घटना घटी, जिसके केंद्र में थे हमारे केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान। अक्सर अपनी सादगी और सहजता के लिए पहचाने जाने वाले शिवराज इस बार जल्दबाज़ी में ऐसा कुछ कर बैठे, जिसकी चर्चा अब देशभर में हो रही है। हुआ यूं कि वे अपनी पत्नी साधना सिंह को पीछे छोड़कर पूरे 22 गाड़ियों के काफिले के साथ जूनागढ़ से राजकोट के लिए रवाना हो गए!
सिर्फ एक किलोमीटर ही निकले थे कि अचानक याद आया – अरे! पत्नी तो साथ हैं ही नहीं! अब बताइए, ऐसा कौन करता है? लेकिन जल्दबाज़ी और कार्यक्रमों की भरमार ने शिवराज को भी थोड़ी देर के लिए “आम आदमी” बना दिया। जैसे ही ये बात उन्हें ध्यान आई, काफिला तुरंत यू-टर्न लेकर मूंगफली शोध केंद्र वापस लौटा, जहां साधना सिंह प्रतीक्षालय में अकेली बैठी हुईं थीं।
असल में शिवराज सिंह अपनी पत्नी के साथ गुजरात के धार्मिक और सरकारी दौरे पर थे। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन और गिर के शेरों का दीदार करने के बाद शनिवार को उनका कार्यक्रम था मूंगफली शोध केंद्र में। यहां किसानों और ‘लखपति दीदी’ योजना से जुड़ी महिलाओं के साथ संवाद होना था। लेकिन दिन का समय और सड़क की खराब हालत को देखते हुए उन्हें रात 8 बजे राजकोट से फ्लाइट पकड़नी थी। इसी कारण मंच से भाषण के दौरान ही वे घड़ी पर नज़रें गड़ाए बैठे थे।
यहां तक कि मंच से खुद माइक लेकर कहा –
“राजकोट का रास्ता खराब है… अगली बार फुर्सत से आऊंगा…”
और फिर जल्दबाज़ी में भाषण छोटा कर, भारी सुरक्षा के साथ निकल पड़े।
उधर, उनकी पत्नी गिरनार पर्वत के दर्शन करके लौट चुकी थीं और प्रतीक्षालय में बैठी शिवराज का इंतजार कर रही थीं। पर शिवराज तो निकल चुके थे! जैसे ही उन्हें ख्याल आया, उन्होंने फोन से संपर्क साधा और फिर बिना देर किए वापस लौटे – पत्नी को साथ बैठाया और फिर राजकोट के लिए दोबारा रवाना हुए।
इस पूरे वाकये ने ना सिर्फ लोगों को चौंकाया, बल्कि मुस्कराने पर भी मजबूर कर दिया। ऐसे किस्से बहुत कम सुनने को मिलते हैं, जब देश का एक वरिष्ठ मंत्री अपनी पत्नी को भूल जाए – और वो भी पूरे 22 गाड़ियों के काफिले के साथ!