जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
राजगढ़ जिले के बुढ़नपुर गांव में एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। 22 वर्षीय कमल सिंह सोंधिया की शादी बड़े अरमानों से तय हुई थी। परिवार ने सुसनेर की रहने वाली एक लड़की से रिश्ता पक्का किया और 14 अप्रैल को खिलचीपुर के लिम्बोदा गांव में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में दोनों का विवाह संपन्न हुआ। पर ये शादी कमल के जीवन का सबसे बड़ा धोखा बन गई। शादी के अगले ही दिन जब दुल्हन का घूंघट उठा तो सामने जो चेहरा था, वह उस लड़की का नहीं था, जिसे दिखाकर रिश्ता तय किया गया था।
कमल को शक तब हुआ जब सुहागरात की रात वह कमरे में गया और देखा कि दुल्हन किसी से मोबाइल पर बात कर रही थी। वह कह रही थी कि कमल और उसके घरवालों को नींद की गोलियां खिलाकर घर से जेवर और पैसे लेकर भाग जाएगी। यह सुनते ही कमल के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। उसने जब दुल्हन का घूंघट उठाया तो वह लड़की कोई और निकली। जब कमल ने सवाल किया तो पहले लड़की ने बात टालने की कोशिश की, लेकिन दबाव डालने पर उसने चौंकाने वाला खुलासा किया।
उसने बताया कि उसका नाम राधा नहीं, बल्कि सलोनी गोंड है और वह पहले से शादीशुदा है। उसके पति का नाम जितेंद्र गोंड है, जो इटारसी में रहता है। सलोनी ने स्वीकार किया कि पूरी शादी एक सुनियोजित ठगी की योजना का हिस्सा थी, जिसे दलाल कालू सिंह और बालू सिंह ने मिलकर रचा था। इस गिरोह ने भोपाल के शरीक खान के जरिए सलोनी को ढूंढा और उसे नकली दुल्हन बनाकर शादी करवा दी।
इस ‘फर्जी शादी’ का सौदा 11 लाख रुपये में हुआ था, जिसमें 5.75 लाख रुपये लड़की के परिवार को दिए गए और शेष 5.25 लाख रुपये दलाल कालू सिंह को दिए गए। सलोनी ने यह भी बताया कि उसे इस शादी के बदले में केवल 30 हजार रुपये दिए गए थे और बाकी रकम साजिशकर्ताओं ने बांट ली। उसे कहा गया था कि वह शादी के बाद घर से जेवर और नकद लेकर भाग निकले, फिर उसे सुरक्षित उसके गांव छुड़वा दिया जाएगा।
परिवार की ओर से 15 अप्रैल को थाने में शिकायत की गई, जिसके बाद लीमा चौहान थाना पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। पुलिस ने सलोनी गोंड, उसके पति जितेंद्र गोंड, दलाल कालू सिंह, बालू सिंह और भोपाल निवासी शरीक खान को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरोह के दो मुख्य आरोपी जोरावर सिंह और उसकी पत्नी फिलहाल फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
थाना प्रभारी अनिल राहोरिया के मुताबिक यह पूरी ठगी एक संगठित गैंग द्वारा अंजाम दी गई, जिसका मकसद भोलेभाले परिवारों को शादी के नाम पर ठगना था। खास बात यह रही कि इस पूरी योजना में नकली दुल्हन के पति ने भी पूरी तरह साथ दिया।