जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
आयकर विभाग और ईओडब्ल्यू (अर्थशास्त्र और अपराध शाखा) की संयुक्त कार्रवाई में साइंस हाउस ग्रुप के डायरेक्टर जितेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया गया है। ईओडब्ल्यू की टीम ने दिल्ली में उनकी गिरफ्तारी तब की जब वह दो महीने चीन में रहने के बाद भारत लौटे।
जितेंद्र तिवारी के खिलाफ अनूपपुर जिले में राज्य सरकार को दवाओं और मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति में मनमानी कीमतें तय करने और करोड़ों की आर्थिक हानि पहुंचाने के मामले में पहले से ही केस दर्ज था।
मामला और गिरफ्तारी
अनूपपुर जिले में जून 2024 में दवाओं और उपकरणों की आपूर्ति में अनियमितताओं का मामला सामने आया था। जांच में यह पता चला कि साइंस हाउस के डायरेक्टर जितेंद्र तिवारी और उनके भाई शैलेंद्र तिवारी ने सरकारी खरीद में गड़बड़ी कर राज्य को करोड़ों का नुकसान पहुँचाया। इसी मामले में दोनों के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया था।
ईओडब्ल्यू ने आरोपियों के भोपाल स्थित कार्यालय और आवास पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज और कंप्यूटर हार्ड डिस्क जब्त की। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने एलयूएन से अधिक दर पर अनूपपुर सीएमएचओ कार्यालय को दवाओं और मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति की थी।
पूरे परिवार पर आरोप
साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड में आरोपी केवल जितेंद्र और शैलेंद्र नहीं थे, बल्कि पूरे परिवार को आरोपी बनाया गया। इसमें शामिल हैं:
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सुनैना
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अनुजा तिवारी
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महेश बाबू शर्मा (जितेंद्र और शैलेंद्र के पिता)
सभी आरोपी परिवार के सदस्य होने के बावजूद तीन अलग-अलग कंपनियों के माध्यम से कारोबार कर रहे थे।
ईओडब्ल्यू ने साल 2019-20 की अनूपपुर जिले में दवा और मेडिकल उपकरण खरीद की प्रक्रिया की जांच की। इसमें तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. बीडी सोनवानी, क्रय समिति अध्यक्ष और अन्य शामिल अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया। जांच में पाया गया कि खरीद प्रक्रिया में बिड में गड़बड़ी कर कंपनियों के प्रस्ताव पास कराए गए थे।
जितेंद्र तिवारी के पिता विदिशा जिले में लेक्चरर थे। जितेंद्र और उनके भाईयों ने अपनी शुरुआती पढ़ाई विदिशा में की और बाद में भोपाल आकर दवा और मेडिकल उपकरणों के कारोबार में शामिल हुए। बिजनेस के साथ-साथ जितेंद्र ने रियल एस्टेट सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर निवेश किया।
सूत्रों के अनुसार, जितेंद्र तिवारी ने पिछले साल चीन में दो महीने तक अपने दोस्तों के साथ समय बिताया। दो महीने के बाद भारत लौटते ही ईओडब्ल्यू ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आगे की कार्रवाई
ईओडब्ल्यू मामले की गहन जांच कर रही है और सभी आरोपी परिवार के सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को अंजाम दिया जाएगा। जब्त दस्तावेज और हार्ड डिस्क से प्राप्त जानकारी के आधार पर अब आगे की धाराओं को बढ़ाया जा सकता है।