जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में एक बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक हंगामे का केंद्र बने आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा ने सोमवार को सभी को चौंका दिया। लोकायुक्त, ईडी और आईटी विभाग जिनकी टीमें पिछले 41 दिनों से उसकी तलाश में राज्य से लेकर विदेश तक छापेमारी कर रही थीं, उसी सौरभ शर्मा ने अचानक भोपाल की लोकायुक्त अदालत में सरेंडर की अर्जी दाखिल कर दी।
सौरभ शर्मा के इस कदम ने न केवल जांच एजेंसियों को सकते में डाल दिया, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का बाजार गर्म कर दिया। सोमवार दोपहर करीब 12:30 बजे वह अपने वकील के साथ एडीजे आरपी मिश्रा की अदालत में पहुंचा। जैसे ही सरेंडर की अर्जी दाखिल हुई, कोर्ट ने उसे मंगलवार सुबह 11 बजे पेश होने का निर्देश दिया। हालांकि, इसके बाद सौरभ अचानक गायब हो गया। कोर्ट से बाहर निकलने के बाद वह कहां गया, इसका किसी को अंदाजा नहीं।
बता दें, 19 दिसंबर से सौरभ शर्मा के ग्वालियर और भोपाल स्थित ठिकानों पर छापे मारे जा रहे हैं। उसके पास 93 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ है। छापेमारी में 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश बरामद किया गया, जिसने प्रदेश में प्रशासनिक भ्रष्टाचार की पोल खोल दी। इस बीच खबरें आईं कि सौरभ दुबई भाग गया है, जिसके चलते लुकआउट नोटिस जारी किया गया। लेकिन, वह कब और कैसे दुबई से दिल्ली आया और फिर अलग-अलग राज्यों में घूमते हुए भोपाल पहुंचा, यह अभी भी एक रहस्य बना हुआ है।
मामला केवल आय से अधिक संपत्ति का नहीं है, बल्कि सौरभ शर्मा के फरारी के दौरान दुबई और भारत में उसकी गतिविधियां, सहयोगियों पर पड़े छापे, और 93 करोड़ से अधिक की संपत्ति के खुलासे ने इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। इसी बीच बड़ा सवाल यह भी है कि क्या सौरभ शर्मा वाकई आज सरेंडर करेगा, या यह भी एक नया नाटक होगा?
हालंकि मंगलवार को सुबह 11 बजे कोर्ट में पेशी के निर्देश हैं। लेकिन क्या सौरभ शर्मा सच में कोर्ट पहुंचेगा, या फिर से कोई नया मोड़ आएगा? यह देखना दिलचस्प होगा।
गौरतलब हो कि 19 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त ने सौरभ के यहां छापेमारी की थी। इसके बाद से ही सौरभ फरार है। यह मामला तब और उलझ गया, जब भोपाल के मेंडोरी के जंगल में, एक कार से 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद मिला था और उस कार का मालिक था सौरभ का दोस्त चेतन सिंह। हालांकि पुलिस की लगातार दबिश के बावजूद, वह हाथ नहीं आया। 23 दिसंबर को मामला और भी गंभीर हो गया, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सौरभ और उसके सहयोगी चेतन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। इसके बाद से लोकायुक्त, आयकर विभाग और ED के अधिकारी सौरभ और उसके साथी के खिलाफ कार्रवाई में जुटे हैं।
अब तक चली जांच-पड़ताल में कुल मिलाकर 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का पता चला है। लोकायुक्त को 7.98 करोड़ रुपये, आयकर विभाग को 52.60 करोड़ रुपये और ED को 33 करोड़ रुपये से भी अधिक की संपत्ति मिली है। इतना ही नहीं, तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले हैं।