जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
क्या आपने सुना है कुंभ मेला 2025 की एक नई चर्चा के बारे में? जी हां, हम बात कर रहे हैं हर्षा रिछारिया की, जो इन दिनों सिर्फ अपनी सुंदरता के कारण नहीं, बल्कि एक विवाद के कारण भी सुर्खियों में हैं! यह विवाद उनके प्रयागराज महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान रथ पर बैठने से जुड़ा हुआ है। और अब, शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप जी महाराज ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘यह उचित नहीं है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।’
सिर्फ इतना ही नहीं, हर्षा रिछारिया महाकुंभ में अपनी नीली आंखों और मॉडल जैसा स्टाइल के लिए भी इन दिनों सुर्खियों में हैं। दरअसल, 4 जनवरी को जब महाकुंभ के लिए निरंजनी अखाड़े की पेशवाई निकली, तब 30 साल की मॉडल हर्षा रिछारिया रथ पर बैठी हुई थीं। इस दौरान मीडिया ने उन्हें ‘सुंदर साध्वी’ का खिताब भी दिया और पत्रकारों ने उनसे साध्वी बनने के बारे में सवाल किए। हर्षा ने जवाब दिया कि उन्होंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना है और जो चीजें उन्हें आकर्षित करती थीं, उन्हें छोड़ दिया। इसके बाद से वह चर्चाओं के साथ ही ट्रोलर्स के निशाने पर भी आ गईं। लेकिन इसके बाद हर्षा फिर से मीडिया के सामने आईं ये कहते हुए कि मैं साध्वी नहीं हूं। मैं केवल दीक्षा ग्रहण कर रही हूं। फिर भी, उनका आधा मॉडल लुक और आधे जटा-जूट वाले बालों को लेकर विवाद जारी है!
इस बीच, हर्षा के माता-पिता भी इस मामले से नाराज हैं। हर्षा की माँ को जब उन्होंने साध्वी के वेश में देखा, तो वह घबरा कर रो पड़ीं। और पिता, दिनेश रिछारिया ने भी कहा, ‘यह साध्वी का टैग गलत है। मेरी बेटी ने सिर्फ दीक्षा ली है, संन्यास नहीं लिया है!’ हर्षा के पिता के मुताबिक, जल्द ही उनकी शादी होगी। लेकिन हर्षा ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है।
बता दें, हर्षा मूलरूप से मध्यप्रदेश के भोपाल की रहने वाली हैं, लेकिन उत्तराखंड में रहती हैं। उन्होंने BBA की पढ़ाई की है। वह पीले वस्त्र, रुद्राक्ष माला और माथे पर तिलक धारण करती हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 10 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। हर्षा इंस्टाग्राम पर धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों से जुड़े कंटेंट साझा करती हैं। वह निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज की शिष्या हैं।