जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हुए सत्यापन (Verification) ने सियासत को गर्मा दिया है। चुनाव आयोग ने 24 जून को विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा की थी। इसके तहत 25 जून से 26 जुलाई 2025 के बीच 2.93 करोड़ वोटर्स का वेरिफिकेशन किया गया। आयोग के मुताबिक, इस प्रक्रिया में बिहार के करीब 65.64 लाख वोटर्स के नाम काटे गए हैं।
चुनाव आयोग का कहना है कि इस कवायद का उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और फर्जी वोटरों, मृत व्यक्तियों तथा स्थानांतरित हो चुके नागरिकों के नाम हटाना था। वहीं, जिन मतदाताओं का सत्यापन पहले ही 2003 की SIR प्रक्रिया में हो चुका है, उन्हें किसी भी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी। इसके चलते करीब 4.96 करोड़ यानी 60% वोटर्स को दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं करने पड़े। आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या 7 करोड़ 80 लाख 22 हजार 933 है।
संसद में हंगामा और विपक्ष का हमला
लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा किया। विपक्षी सांसदों ने “वोट चोर गद्दी छोड़ो” और “वी वॉन्ट जस्टिस” के नारे लगाए। उनका आरोप है कि बड़े पैमाने पर वोट चोरी और मतदाता सूची से नाम गायब करने का षड्यंत्र किया गया है।
विपक्षी दलों का कहना है कि चुनाव आयोग ने निष्पक्षता से काम नहीं किया और यह कदम लोकतंत्र के लिए खतरा है। कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने तो यहां तक कह दिया कि पार्टी मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर सकती है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में इंडिया ब्लॉक की बैठक भी हुई, जिसमें इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय की गई।
लोजपा नेता चिराग पासवान ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें केवल हंगामा करना है। उन्होंने कहा—“यह वही चुनाव आयोग है, जिसके नेतृत्व में कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही। जब जीतते हैं तो आयोग पर सवाल नहीं उठाते, लेकिन अब केवल हवा-हवाई आरोप लगा रहे हैं।”
दूसरी ओर, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और महुआ मोइत्रा ने बंगाली भाषा विवाद को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन पर तंज कसते हुए कहा— “उपराष्ट्रपति पद खाली था तो कोई न कोई बनना ही था।”
स्पीकर ओम बिरला की सख्त चेतावनी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा— “देश की जनता ने आपको सेवा के लिए चुना है, न कि सरकारी संपत्ति को तोड़ने के लिए। किसी भी सदस्य को यह विशेषाधिकार नहीं है कि वह सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाए। अगर ऐसा होगा तो मुझे निर्णायक कदम उठाने होंगे और पूरा देश देखेगा।”
शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन पर चर्चा
हंगामे के बीच लोकसभा में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के सफल अंतरिक्ष मिशन पर भी विशेष चर्चा शुरू हुई। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि—
“देश आज इस ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मना रहा है, लेकिन विपक्ष इस पर भी चर्चा से बच रहा है। आपकी नाराजगी सरकार से हो सकती है, लेकिन अंतरिक्ष यात्री से नहीं।” उन्होंने विपक्ष पर हताशा का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे मौकों पर देश को एकजुट होकर गर्व महसूस करना चाहिए।
हंगामे के बीच भी संसद में अहम बिल पेश
संसद के मानसून सत्र (21 जुलाई से 21 अगस्त 2025) में सरकार कुल 8 नए और 7 लंबित बिल पेश कर रही है।
नए बिल:
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मणिपुर GST संशोधन बिल, 2025
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टैक्सेशन लॉ संशोधन बिल, 2025
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जन विश्वास संशोधन बिल, 2025
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भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन बिल, 2025
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नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल, 2025
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नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन बिल, 2025
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भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) बिल, 2025
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खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन बिल, 2025
लंबित बिल:
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इनकम टैक्स बिल, 2025
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इंडियन पोस्टल बिल, 2025
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मर्चेंट शिपिंग बिल, 2024
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कोस्टल शिपिंग बिल, 2024
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समुद्र माल परिवहन बिल, 2024
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बिल ऑफ लीडिंग बिल, 2024
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गोवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन बिल, 2024