ओडिशा विधानसभा में हंगामा: कांग्रेस विधायकों के निलंबन पर मचा बवाल, पुलिस से हुई झड़प; लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल के बाद बिगड़े हालात

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

ओडिशा की राजनीति इन दिनों जबरदस्त उबाल पर है। कांग्रेस के 14 विधायकों के निलंबन के विरोध में पार्टी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। गुरुवार को जब कांग्रेस कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करने निकले, तो पुलिस के साथ उनकी तीखी झड़प हो गई। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा।

कैसे भड़का विवाद?

पूरा मामला 25 मार्च को तब शुरू हुआ जब सदन की कार्यवाही बाधित करने के आरोप में कांग्रेस के 12 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। लेकिन कांग्रेस के तेवर नरम नहीं पड़े। निलंबन के बावजूद पार्टी विधायक विधानसभा के अंदर ही धरने पर बैठ गए। दूसरी तरफ, महात्मा गांधी मार्ग पर कांग्रेस कार्यकर्ता पूरी रात प्रदर्शन करते रहे।

26 मार्च को जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा घेरने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई। प्रदर्शन और बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाधी ने कांग्रेस के बाकी बचे दो विधायक—तारा प्रसाद बाहिनीपति और रमेश जेना—को भी निलंबित कर दिया। इससे कांग्रेस का आक्रोश और भड़क उठा और गुरुवार को पार्टी ने विधानसभा घेराव के लिए मार्च निकाला।

इस राजनीतिक घमासान के बीच बीजू जनता दल (BJD) के विधायकों ने विधानसभा में गंगाजल छिड़का, जिससे नया विवाद खड़ा हो गया। विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाधी ने परिसर में गंगाजल छिड़कने की आलोचना की। उन्होंने कहा- यह स्वीकार्य नहीं है। सदस्यों को ऐसा नहीं करना चाहिए। वहीं, राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा, इस पवित्र सदन को शुद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह हमेशा पवित्र है।

दरअसल, कांग्रेस विधायक महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की जांच के लिए एक हाउस कमेटी गठित करने की मांग कर रहे थे। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्होंने सदन के वेल में प्रदर्शन किया था। लेकिन जब उनकी मांग नहीं मानी गई, तो उन्होंने सदन की कार्यवाही बाधित कर दी, जिसके कारण उनका निलंबन कर दिया गया। निलंबन के बावजूद कांग्रेस विधायक सदन के वेल में ही बैठे रहे और बाद में ओडिशा विधानसभा के सामने महात्मा गांधी मार्ग पर सड़क पर रात बिताई। इससे पहले बुधवार (26 मार्च, 2025) को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने निलंबन के विरोध में विधानसभा की ओर मार्च किया। जब सुरक्षाकर्मियों ने हस्तक्षेप किया तो हाथापाई हो गई।

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