जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
राजधानी के मेंडोरी इलाके में 19 दिसंबर 2024 की रात इनोवा कार से बरामद हुए 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद से जुड़े बहुचर्चित मामले में एक अहम कानूनी मोड़ आया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मामले में आरोपी और कार मालिक चेतन सिंह गौर को मानवीय आधार पर 27 अगस्त 2025 तक के लिए अस्थायी जमानत दे दी है। अदालत ने यह राहत चेतन की पत्नी और समय से पहले जन्मे जुड़वां बच्चों की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए प्रदान की है, जो वर्तमान में अस्पताल में भर्ती हैं।
मामले की सुनवाई के दौरान चेतन सिंह गौर के वकील ने अदालत को बताया कि चेतन और उनकी पत्नी की शादी वर्ष 2012 में हुई थी, लेकिन लंबे समय तक चिकित्सा समस्याओं और बांझपन के कारण वे संतान सुख से वंचित रहे। इसके बाद दंपति ने दो बार आईवीएफ प्रक्रिया कराई और हैदराबाद में इलाज जारी रखा। 14 जून 2025 को चेतन की पत्नी ने समय से पहले जुड़वां बच्चों—एक बेटा और एक बेटी—को जन्म दिया। जन्म के तुरंत बाद दोनों बच्चों को गंभीर स्वास्थ्य कारणों से एनआईसीयू में भर्ती करना पड़ा। इस बीच, चेतन की पत्नी को भी सर्जरी की आवश्यकता पड़ गई, जिससे परिवार की देखभाल के लिए चेतन की उपस्थिति अनिवार्य हो गई।
अदालत में पेश दस्तावेजों में चेतन की पत्नी और बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने के प्रमाण तथा उनकी मेडिकल रिपोर्ट्स शामिल थीं। बचाव पक्ष का तर्क था कि चेतन इस समय अपने परिवार का एकमात्र सहारा है और उसकी मौजूदगी से पत्नी व बच्चों को मानसिक और भावनात्मक संबल मिलेगा।
गौरतलब है कि यह मामला तब सुर्खियों में आया था जब आयकर विभाग और ईडी की संयुक्त कार्रवाई में मेंडोरी इलाके में खड़ी एक इनोवा कार से भारी मात्रा में सोना और नकदी बरामद हुई थी। जांच में कार का पंजीकरण चेतन सिंह गौर के नाम पर पाया गया, हालांकि चेतन का दावा है कि यह गाड़ी आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने उनके नाम पर खरीदी थी और बरामद सोना व नकदी भी सौरभ शर्मा की थी।
ईडी की ओर से पेश अधिवक्ता ने जमानत याचिका का विरोध किया, लेकिन इस तथ्य की पुष्टि की कि चेतन की पत्नी और जुड़वां बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह मामला संवेदनशील परिस्थितियों से जुड़ा है और परिवार की तत्काल देखभाल के लिए चेतन की मौजूदगी आवश्यक है।
अदालत ने चेतन को निर्देश दिया कि वह 50 हजार रुपये का व्यक्तिगत बॉन्ड और समान राशि की सॉल्वेंट जमानत ट्रायल कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करे। आदेश की प्रमाणित प्रति मिलने की तारीख से 27 अगस्त 2025 तक चेतन को अस्थायी जमानत पर रिहा किया जाएगा। साथ ही, 28 अगस्त 2025 को या उससे पहले उन्हें संबंधित ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि चेतन समय पर आत्मसमर्पण नहीं करते, तो ट्रायल कोर्ट उन्हें कानून के अनुसार हिरासत में लेने के लिए स्वतंत्र होगा। इस पूरे मामले में चेतन सिंह गौर की ओर से अधिवक्ता अनुराग गोहिल ने और ईडी की ओर से अधिवक्ता विक्रम सिंह ने पैरवी की।