फर्जी दस्तावेजों से मान्यता मामला: सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस विधायक मसूद को दी अंतरिम राहत, कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा ने रखा मसूद का पक्ष; सुप्रीम कोर्ट बेंच ने कहा- फिलहाल नहीं होगी जांच

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

भोपाल की मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जबलपुर के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज मामले में एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी जांच के निर्देश दिए गए थे। मसूद के खिलाफ यह मामला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेज की मान्यता दिलाने से जुड़ा है।

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जे.के. माहेश्वरी की बेंच ने मसूद की याचिका पर सुनवाई की। कांग्रेस विधायक की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, विवेक तन्खा और वरुण तन्खा ने पक्ष रखा। मसूद के वकील विवेक तन्खा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया है।

गौरतलब है कि सोमवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर ने आदेश दिया था कि भोपाल कमिश्नर तीन दिन के भीतर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें। इस आदेश के बाद भोपाल के कोहेफिजा थाने में मसूद के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मान्यता प्राप्त करने का केस दर्ज किया गया था।

हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज की मान्यता फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ली गई थी। कोर्ट ने कॉलेज में नए एडमिशन पर पूरी तरह रोक लगाने के निर्देश भी दिए थे।

एसआईटी जांच के आदेश

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित करने का आदेश दिया था। इस टीम का नेतृत्व एडीजी संजीव शमी को सौंपा गया था और 90 दिन में जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था।

भोपाल के खानूगांव स्थित इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज का संचालन अमन एजुकेशन सोसाइटी करती है, जिसके सचिव कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद हैं। कॉलेज की मान्यता को पहले ही उच्च शिक्षा विभाग ने रद्द कर दिया था, लेकिन छात्रों के हितों को देखते हुए उनकी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, नए दाखिलों पर रोक लगा दी गई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि “बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने सालों तक यह कॉलेज नहीं चल सकता था।”

इस पूरे मामले की शिकायत पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह ने की थी। जांच में यह सामने आया कि कॉलेज के संचालन के लिए सोसाइटी ने फर्जी सेल डीड और दस्तावेज तैयार कर उन्हें पंजीयन कार्यालय में दर्ज भी कराया। इसके आधार पर कॉलेज को मान्यता दिलाई गई।

सुप्रीम कोर्ट की राहत से बदली सियासी हवा

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को फिलहाल बड़ी राहत मिल गई है। हालांकि, मामला अभी न्यायालय में लंबित है। राजनीतिक हलकों में इस फैसले को कांग्रेस के लिए राहत भरा माना जा रहा है, क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद मसूद की मुश्किलें काफी बढ़ गई थीं।

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