जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
बेंगलुरु में बुधवार को एक ऐसा हादसा हुआ जिसने RCB की पहली IPL जीत के जश्न को गहरे मातम में बदल दिया। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हजारों की भीड़ टीम के विजेता खिलाड़ियों के स्वागत में जुटी थी, लेकिन उत्साह का यह माहौल कुछ ही देर में चीख-पुकार में तब्दील हो गया। भगदड़ मचने से 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। मृतकों में 13 साल की बच्ची से लेकर 30 वर्ष तक के युवा शामिल थे, जो टीम के जश्न का हिस्सा बनने के लिए वहां पहुंचे थे।
हादसे के बाद पूरे शहर में शोक की लहर है, वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दोपहर 2:30 बजे मामले की सुनवाई तय की है। साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने कब्बन पार्क थाने में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और कर्नाटक क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ लापरवाही की शिकायत दर्ज कराई है।
कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा?
पूरे हादसे की शुरुआत उस घोषणा से हुई, जिसमें कहा गया कि स्टेडियम में प्रवेश के लिए फ्री पास RCB की वेबसाइट से मिलेंगे। जैसे ही यह खबर सामने आई, भारी संख्या में लोग वेबसाइट पर टूट पड़े जिससे साइट क्रैश हो गई। इसके बाद पास पाने वालों के साथ-साथ बिना पास के हजारों लोग स्टेडियम पहुंच गए। भीड़ का अंदाजा ही नहीं लग सका और जब लोगों ने अंदर घुसने के लिए गेट नंबर 10, 12 और 13 पर धक्का-मुक्की शुरू की, तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसी दौरान एक नाले पर रखा स्लैब ढह गया और बारिश की फिसलन के बीच भगदड़ मच गई।
दोपहर करीब 3:30 बजे जब भीड़ बेकाबू हो गई तो पुलिस ने सभी गेट बंद कर दिए, जिससे पास रखने वाले लोग भी बाहर ही रह गए। गेट नंबर 10 पर स्थिति सबसे ज्यादा बिगड़ी। महिलाओं और बच्चों को जबरन पीछे किया गया, कई महिलाएं बेहोश होकर गिर गईं।
घटना के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “मैं इस घटना का बचाव नहीं करता, लेकिन देश में पहले भी कई हादसे हुए हैं, जैसे कुंभ मेले में भी 50-60 लोग मारे गए थे। इसका मतलब यह नहीं कि हम जिम्मेदारी से बचें।” उन्होंने माना कि घटना दुखद है। भाजपा ने इस बयान के बाद सीएम के इस्तीफे की मांग कर दी है।
उधर, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार मीडिया के सामने आए और भावुक होते हुए बोले – “विपक्ष राजनीति करता रहे, लेकिन हमने छोटे बच्चों की आंखों में दर्द देखा है। हमें प्रशासनिक तौर पर इससे सबक लेना होगा।”
वहीं, बोरिंग और लेडी कर्जन अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट टी. केम्पराजू ने बताया कि हादसे के बाद अस्पताल में 18 घायल और 6 मृतकों को लाया गया था। घायलों में से 8 लोग प्राथमिक उपचार के बाद घर लौट चुके हैं, जबकि 10 लोगों का इलाज चल रहा है। इनमें से 3 के पैरों में गंभीर फ्रैक्चर हैं। डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि घायलों की पूरी जांच और बेहतर देखभाल सुनिश्चित की जाए।
कौन थे मृतक?
इस हादसे में जान गंवाने वालों की उम्र 13 से 33 वर्ष के बीच थी। मृतकों में 13 साल की दिव्यांशी, 17 वर्षीय शिवालिंगा, 19 वर्षीय चिन्नैया, 20 वर्षीय प्रज्वल और श्रवण, 25 वर्षीय सहाना, 27 वर्षीय अक्षता, 29 वर्षीय देवी, 32 वर्षीय दोरेशा और 33 वर्षीय मनोज शामिल हैं।
ये सभी युवा RCB की ऐतिहासिक जीत का हिस्सा बनने और अपने स्टार खिलाड़ियों को एक झलक देखने के लिए पहुंचे थे। कुछ बेंगलुरु से थे, तो कुछ दूसरे जिलों से आए थे। लेकिन अव्यवस्था, प्रशासन की चूक और भारी भीड़ के कारण जश्न की शाम मातम में बदल गई।