जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
रतलाम ज़िले में एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल से जुड़ी 19 इनोवा गाड़ियों में पानी मिला डीजल भर दिया गया। यह घटना 27 जून को एमपी राइज 2025 कार्यक्रम के दौरान सामने आई, जब सीएम प्रोटोकॉल में शामिल ये गाड़ियाँ इंदौर से रतलाम आई थीं और डोसीगांव स्थित भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंप “मेसर्स शक्ति फ्यूल्स पाइंट” से डीजल भरवाने के बाद कुछ दूरी चलते ही बंद हो गईं। ड्राइवरों को गाड़ियाँ धक्का मारकर वापस पेट्रोल पंप पर लाना पड़ा, जिसके बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया।
प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पेट्रोल पंप को सील किया और डीजल के तीन सैंपल जांच के लिए BPCL की मांगलिया लैब भेजे। अब जांच रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें स्पष्ट रूप से डीजल में पानी की मिलावट की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल पंप के टैंक में 197.43 लीटर पानी पाया गया, और स्टॉक में 720 लीटर का अंतर सामने आया, जो मान्य सीमा से कहीं अधिक है। इसके आधार पर पेट्रोल पंप संचालक शक्ति बुंदेल और मैनेजर अमरजीत डाबर के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
इस घटना की गंभीरता इस बात से और बढ़ जाती है कि मामला मुख्यमंत्री की यात्रा से जुड़ा था। बावजूद इसके जिला आपूर्ति अधिकारी आनंद गोले ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए जांच रिपोर्ट को सीधे पुलिस को भेज देने की बात कही। जब मीडिया ने उनसे विस्तृत जानकारी मांगी, तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से भी इंकार कर दिया और आगे की कार्रवाई को पुलिस का मामला बता दिया। यह रवैया तब और सवाल उठाता है जब वे न तो अपने वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट सौंप पाए और न ही पूरे ज़िले में सघन जांच का कोई सटीक रोडमैप साझा कर पाए।
प्रशासन की ओर से बाद में यह सफाई दी गई कि ये गाड़ियाँ मुख्यमंत्री के मुख्य काफिले का हिस्सा नहीं थीं, बल्कि वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत इंदौर की इम्पैक्ट ट्रैवल्स एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराई गई थीं। डीजल भरवाने की जिम्मेदारी भी एजेंसी की थी, प्रशासन की नहीं। लेकिन ड्राइवरों के बयान इससे उलट थे, जिससे सरकारी दावों पर प्रश्नचिन्ह खड़े होते हैं।
पेट्रोल पंप की तकनीकी जांच में यह भी पाया गया कि डीजल टैंक में पानी का स्तर 6.63 सेंटीमीटर था और डिस्प्ले में भी जलमिश्रण साफ देखा गया। अधिकारियों ने पंप से लगभग 6,000 लीटर पेट्रोल और 10,600 लीटर डीजल ज़ब्त कर लिया है।
रतलाम जिले में कुल 184 पेट्रोल पंप हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 50 की ही जांच हो पाई है, जबकि इस घटना के बाद भोपाल से राज्यभर के पेट्रोल पंपों की व्यापक जांच के आदेश दिए गए थे। जिला प्रशासन ने दावा किया कि हर तीन महीने में सभी पंपों की जांच का रोस्टर तैयार किया गया है।
कलेक्टर राजेश बाथम ने मीडिया से कहा कि डीजल में पानी की पुष्टि हुई है और इस रिपोर्ट को आगे की कार्रवाई के लिए भारत पेट्रोलियम कंपनी को भेजा जाएगा। साथ ही पेट्रोल पंपों की नियमित जांच जारी रहेगी।