जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर में ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड का मामला लगातार नए मोड़ ले रहा है। गुरुवार रात इस हाई-प्रोफाइल केस में नया घटनाक्रम सामने आया, जब एक नकली पुलिस अधिकारी (टीआई) खाकी वर्दी पहनकर राजा के घर पहुंच गया। उसने राजा के पिता से पूछताछ शुरू कर दी, लेकिन परिवार को संदेह होने पर मामला खुल गया।
नकली टीआई की करतूत
राजा रघुवंशी के भाई विपिन रघुवंशी के मुताबिक, शाम करीब 6 बजे उनकी मां उमा रघुवंशी ने फोन पर बताया कि एक पुलिसकर्मी वर्दी में घर आया है। उसके कंधे पर तीन स्टार लगे थे और वह राजा के पिता से बातचीत कर रहा था। मां के संदेह जताने पर विपिन और उनके भाई सचिन तुरंत घर पहुंचे।
जब उन्होंने उस व्यक्ति से पहचान पत्र और पद से संबंधित दस्तावेज मांगे, तो वह घबरा गया और बात को टालने लगा। उसने अपना नाम बजरंग लाल जाट बताया और खुद को रेलवे कर्मचारी बताते हुए दावा किया कि वह उज्जैन में पोस्टेड है। इतना ही नहीं, उसने कहा कि उसकी मुलाकात राजा से 2021 में महाकाल मंदिर में हुई थी।
विपिन को उसकी कहानी पर भरोसा नहीं हुआ, क्योंकि 2021 में कोविड लॉकडाउन के दौरान राजा कहीं आ-जा नहीं रहे थे। बार-बार पूछने पर भी वह आईडी कार्ड नहीं दिखा सका। जब दबाव बढ़ा, तो उसने राजा की मौत का दुख साझा करने के बहाने अपनी मौजूदगी को सही ठहराने की कोशिश की।
परिवार ने तुरंत राजेंद्र नगर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और पूछताछ में पता चला कि बजरंग लाल न तो रेलवे कर्मचारी है और न ही पुलिस अधिकारी। उसके पास कोई वैध दस्तावेज भी नहीं थे। सख्ती से पूछने पर उसने स्वीकार किया कि वह सोशल मीडिया पर राजा की मौत की खबर देखकर परिवार को ठगने के इरादे से आया था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि वह पहले भी नकली पुलिसकर्मी बनकर वारदात कर चुका है।
शादी से हत्या तक — 42 दिनों की पूरी कहानी
बता दें, यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब राजा रघुवंशी का मर्डर केस देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
-
1 अक्टूबर 2024: राजा और उनकी पत्नी सोनम के परिवारों ने एक-दूसरे के बच्चों का रिश्ता तय किया।
-
11 मई 2025: दोनों की शादी हुई।
-
20 मई: दंपती हनीमून के लिए इंदौर से मेघालय रवाना हुआ।
-
22 मई: सोहरा (चेरापूंजी) की यात्रा के दौरान उन्होंने किराए पर एक एक्टिवा ली।
-
23 मई: स्थानीय लोगों ने राजा और सोनम को इलाके में घूमते देखा, इसके बाद संपर्क टूट गया।
-
27 मई: परिवार ने लापता होने की सूचना पुलिस को दी।
-
2 जून: कई दिनों की सर्चिंग के बाद राजा का शव शिलॉन्ग में एक गहरी खाई में मिला।
-
3 जून: पोस्टमॉर्टम में खुलासा हुआ कि राजा की हत्या पेड़ काटने वाले हथियार से की गई थी।
-
9 जून: सोनम यूपी के गाजीपुर में एक ढाबे पर मिली।
-
22 जून तक: पुलिस ने हत्या के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें सोनम भी शामिल थी।
जांच में सामने आया कि सोनम और उसके साथी आरोपियों ने मिलकर राजा की हत्या की योजना बनाई थी। यात्रा के दौरान मौका पाकर पेड़ काटने वाले हथियार से वार किया गया और शव को खाई में फेंक दिया गया। पुलिस ने धीरे-धीरे सभी आरोपियों को पकड़ा और कोर्ट में पेश किया, हालांकि तीन आरोपी जमानत पर बाहर आ चुके हैं।
अब परिवार पर ठगी का प्रयास
हत्या के लगभग ढाई महीने बाद नकली टीआई बनकर बजरंग लाल का घर पहुंचना परिवार के लिए एक और सदमा था। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक, वह पहले भी इसी तरह की ठगी में शामिल रहा है और संभवतः अन्य मामलों में भी उसकी संलिप्तता हो सकती है।