गर्मी की जगह बरसात! नौतपा के पहले दिन बदला मौसम का इतिहास: 44 जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट, मौसम विभाग ने जताई और गिरावट की संभावना!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

जहां हर साल नौतपा की शुरुआत तपिश, लू और झुलसाने वाली गर्मी के साथ होती है, वहीं इस बार मध्यप्रदेश में नौतपा ने अपना रुख ही बदल लिया। आमतौर पर मई के अंत और जून की शुरुआत में सूरज अपने सबसे प्रचंड रूप में होता है, लेकिन 2025 का नौतपा कुछ अलग ही कहानी कह रहा है। प्रदेश के कई हिस्सों में जहां पिछले साल 45 डिग्री तक तापमान पहुंच गया था, इस बार दिन की शुरुआत बारिश, बादलों और ठंडी हवाओं के साथ हुई, जिसने ना सिर्फ लोगों को राहत दी, बल्कि मौसम वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया।

मंडला, छिंदवाड़ा, बैतूल जैसे इलाकों में रविवार को झमाझम बारिश हुई, जिससे मंडला में करीब आधा इंच तक पानी गिरा। वहीं भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में बादल छाए रहे और दिन के तापमान में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। पूरे प्रदेश में केवल खजुराहो ऐसा शहर रहा, जहां पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच पाया। इससे साफ है कि इस बार नौतपा की गर्मी आंधी और पानी के सामने पिघल गई

इस बदले हुए मौसम के पीछे जो सबसे बड़ा कारण है, वो है तीन अलग-अलग साइक्लोनिक सर्कुलेशन का एक साथ एक्टिव होना। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, इस बार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बन रहे साइक्लोनिक सिस्टम ने पूरे मध्यप्रदेश के मौसम को प्रभावित किया है। यही वजह है कि आगामी चार दिनों तक आंधी, बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।

मौसम विभाग ने प्रदेश के 44 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। इसमें इंदौर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, मंडला, बालाघाट, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, रीवा, सीधी, सिंगरौली, उज्जैन, सतना, टीकमगढ़, दमोह, अशोकनगर, ग्वालियर, मुरैना और शिवपुरी जैसे जिले शामिल हैं। इन इलाकों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चलने और गरज-चमक के साथ बारिश होने की पूरी संभावना जताई गई है।

मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस बार औसतन तापमान पिछले साल की तुलना में 10 डिग्री तक कम रहा। पचमढ़ी जैसे हिल स्टेशन में तो तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जो नौतपा के पहले दिन एक बेहद असामान्य स्थिति है। वहीं मलाजखंड, छिंदवाड़ा, बैतूल और सिवनी जैसे इलाकों में तापमान 31-32 डिग्री के आसपास ही रहा। यह आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि गर्मी अपने सबसे तीव्र दौर में भी सामान्य से काफी पीछे है।

अगर पिछले साल की बात करें, तो 35 से ज्यादा शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से पार चला गया था। खरगोन, खंडवा, रतलाम और राजगढ़ जैसे शहरों में पारा 45 डिग्री तक दर्ज किया गया था। उस समय लू चल रही थी, और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता था। लेकिन इस बार नजारा ही कुछ और है— हल्की बारिश, बादल और ठंडी हवाओं ने प्रदेश को अप्रत्याशित रूप से ठंडक भरा माहौल दे दिया है।

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