जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है और अब भारी बारिश का गंभीर असर सामने आने लगा है। गुरुवार को मौसम विभाग ने राज्य के 15 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिनमें बालाघाट और अलीराजपुर में अति भारी बारिश (8 इंच तक) की चेतावनी दी गई है। इन दोनों जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर सहित अन्य जिलों में यलो अलर्ट घोषित किया गया है।
इससे पहले बुधवार को प्रदेश के 26 से अधिक जिलों में झमाझम बारिश हुई। सतना जिले में सबसे अधिक 2.2 इंच पानी गिरा, जबकि भोपाल में 1.4 इंच और खजुराहो में 1.7 इंच बारिश दर्ज की गई। लगातार हो रही बारिश से कई जगहों पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राजधानी भोपाल में पुरानी इमारत का हिस्सा गिरने से एक युवक की मौत हो गई, वहीं टीकमगढ़ में आकाशीय बिजली गिरने से 16 बकरियों की मौत हो गई।
सीहोर में हालात और खराब रहे — यहां इतनी मूसलधार बारिश हुई कि सड़कों पर खड़ी गाड़ियाँ आधी तक डूब गईं। कई मोहल्लों और बस्तियों में पानी भर गया, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
गुरुवार को जिन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है, उनमें नीमच, मंदसौर, झाबुआ, धार, सीहोर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, सतना, मैहर, पन्ना, सिवनी और मंडला शामिल हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, इस समय एक ट्रफ लाइन प्रदेश के बीचों-बीच से गुजर रही है, साथ ही एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम भी सक्रिय है, जो लगातार नमी खींचकर बारिश को बढ़ावा दे रहा है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने जानकारी दी कि अगले 4 दिन तक अति भारी बारिश की संभावना बनी हुई है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मानसून की चाल की बात करें तो इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले पहुंच गया था, लेकिन मध्यप्रदेश में यह 13 जून को दाखिल हुआ — सामान्य तारीख 15 जून से दो दिन पहले। 3 दिन के भीतर ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया था, और फिर भिंड और मऊगंज जिलों में भी इसका प्रवेश हो गया।
अब जब पूरे प्रदेश में मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है, तो जून के अंत तक सामान्य बारिश के औसत को पार करने की संभावना जताई जा रही है। बारिश से जहां गर्मी से राहत मिली है, वहीं अब बाढ़, जलभराव और आकाशीय बिजली से जनहानि जैसी घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों और जलभराव वाले इलाकों से दूर रहने की अपील की है।