मध्यप्रदेश में बारिश का प्रकोप: 8 घंटे में 6 इंच बारिश, कई ज़िले जलमग्न; अगले 4 दिन ऑरेंज अलर्ट पर मध्यप्रदेश!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में बारिश ने इस वक्त तबाही मचा रखी है। मानसून के एक दिन लेट पहुंचने के बाद से ही प्रदेश में मूसलाधार बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। टीकमगढ़ में गुरुवार रात 12 बजे से लेकर शुक्रवार सुबह 7:30 बजे तक मात्र 8 घंटे में ही करीब 6 इंच पानी गिर गया। सुबह जब लोग सोकर उठे तो उनके घरों के अंदर तक पानी भरा हुआ था। हालत यह रही कि लोग रातभर अपने बिस्तर और सामान को बचाने में लगे रहे।

डिंडौरी जिले में पिछले 24 घंटे में 7 इंच बारिश दर्ज की गई। यहां सड़कों पर करीब दो फीट तक पानी भर गया है। डिंडौरी की नर्मदा नदी इतनी उफन गई कि मंदिर तक डूब गया। उधर गुना में शुक्रवार अलसुबह जमकर बारिश हुई, जिससे सड़कों ने तालाब का रूप ले लिया। एबी रोड पर तीन फीट तक पानी जमा हो गया, यहां गाड़ियां आधी तक डूब गईं।

मौसम विभाग ने जबलपुर, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, श्योपुर, शिवपुरी और गुना जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे में यहां 8 इंच तक बारिश हो सकती है। इसके अलावा ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, विदिशा, रायसेन, छिंदवाड़ा, सिवनी, नरसिंहपुर, दमोह, सतना, कटनी, उमरिया, शहडोल सहित कई जिलों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

बता दें, दो ट्रफ लाइनों और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम की वजह से बारिश का सिस्टम बेहद स्ट्रॉन्ग बना हुआ है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक मध्यप्रदेश के ऊपर से दो मानसूनी ट्रफ गुजर रही हैं और एक साइक्लोनिक सिस्टम एक्टिव है, जिसके कारण यह हालात बने हुए हैं।

प्रदेश के कई जिलों में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ रहा है। मंडला के बिछिया इलाके में लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए। यहां होमगार्ड के जवानों ने 70 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया। शिवपुरी में सिंध नदी उफान पर है, जहां ग्रामीण महिलाओं और बच्चों को गोद में उठाकर नदी पार करा रहे हैं। कोलारस में कई गांव जलमग्न हो गए, स्कूल, मंदिर और घरों में पानी घुस गया। निवाड़ी के ओरछा में भी भारी बारिश के चलते लोग परेशान हैं। उमरिया में कथली नदी का पानी पुल तक पहुंच गया, वहीं महानदी भी खतरे के निशान पर बह रही है।

राजधानी भोपाल में भी शुक्रवार दोपहर रिमझिम बारिश शुरू हुई। रीवा, खजुराहो, दतिया में करीब पौन इंच, जबकि मंडला और शिवपुरी में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। बैतूल, गुना, ग्वालियर, इंदौर, दमोह, सतना, सीधी, धार, देवास सहित 20 से ज्यादा जिलों में रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है।

इस बार मानसून 8 दिन पहले केरल पहुंच गया था और महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ में भी समय से पहले सक्रिय हो गया था। अनुमान था कि मध्यप्रदेश में मानसून जून के पहले हफ्ते में ही आ जाएगा, लेकिन यह 15 दिन महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में ही ठहरा रहा, जिससे मध्यप्रदेश में 1 दिन लेट एंट्री हो पाई। 13-14 जून को मानसून ने गति पकड़ी और 15 जून तक पूरे मध्यप्रदेश को कवर कर लिया।

अब बारिश का यह दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विभाग ने अगले 4 दिन तक कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। लोग भयभीत हैं कि यदि इसी तरह बारिश जारी रही तो कई और गांवों में हालात और बिगड़ सकते हैं।

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