जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून अपने चरम पर है। इस समय प्रदेश में मानसून ट्रफ और डिप्रेशन के चलते लगातार भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। गुरुवार और शुक्रवार को राज्य के 26 से अधिक जिलों में मूसलाधार बारिश हुई, जिसने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों पर जलभराव है, नदी-नाले उफान पर हैं और डैमों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने ग्वालियर-चंबल संभाग के सात जिलों में “अति भारी बारिश” का अलर्ट जारी किया है।
सबसे ज्यादा प्रभाव सतना, रीवा, मऊगंज और डिंडौरी जिलों में देखने को मिला, जहां शुक्रवार को स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। सतना में सिर्फ 9 घंटे में 3.8 इंच (95 मिमी) बारिश दर्ज की गई, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया और कॉलेजों की परीक्षाएं तक स्थगित करनी पड़ीं। रीवा में 2.3 इंच, खजुराहो और टीकमगढ़ में 1.7 इंच, जबकि भोपाल और जबलपुर जैसे बड़े शहरों में भी भारी बारिश हुई।
भोपाल में हालात इतने खराब हुए कि एक घंटे की बारिश ने सड़कों को जलमग्न कर दिया। बोर्ड ऑफिस चौराहे के पास सड़क धंस गई, जिससे एक बड़ा गड्ढा बन गया। उसी जगह से सीवरेज लाइन भी गुजरती है, जिससे हादसे की आशंका और बढ़ गई। शहडोल में सीवर खुदाई के दौरान मिट्टी धंसने से दो मजदूरों की मौत हो गई – ये घटना पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करती है।
राज्य के 54 बड़े डैमों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गांधीसागर, बाणसागर, ओंकारेश्वर, इंद्रा सागर, बरगी, तवा, कोलार, मोहनपुरा जैसे प्रमुख जलाशयों में पानी का दबाव तेजी से बढ़ा है। भोपाल के बड़ा तालाब में भी अब साढ़े 6 फीट की ऊँचाई पर पानी पहुँच गया है। इसके बाद भदभदा डैम के गेट खोलने की नौबत आ सकती है।
मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों तक फिर से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वैज्ञानिक अरुण शर्मा ने बताया कि इस समय प्रदेश के ऊपर से एक मजबूत मानसूनी ट्रफ गुजर रही है, जो भारी वर्षा का कारण बनी हुई है। अब तक मध्यप्रदेश में औसतन 18.5 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि इस समय तक 11 इंच की अपेक्षा थी। यानी 7.5 इंच बारिश सामान्य से अधिक हो चुकी है, जो खतरे का संकेत है।
कुल मिलाकर, इस बार मानसून विशेष रूप से प्रदेश के पूर्वी हिस्सों पर मेहरबान रहा है, लेकिन राहत से ज्यादा अब यह आफत बनता जा रहा है। स्कूलों में छुट्टियाँ, परीक्षाओं का स्थगन, सड़क हादसे, मजदूरों की मौत और जलाशयों में बढ़ता जलस्तर – ये सब दर्शाते हैं कि अगर बारिश का यही क्रम जारी रहा, तो अगले कुछ दिन राज्य के लिए और भी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। प्रशासन सतर्क है, लेकिन लोगों को भी सावधानी बरतने की सख्त ज़रूरत है।